भोपाल। 29 वर्षीय दीपक गर्ग 4 साल पहले तक नेवी में नौकरी करता था। माता-पिता का स्वास्थ्य खराब रहने लगा तो उन्होंने दीपक को वापस बुला लिया। दीपक नौकरी छोड़कर माता-पिता की सेवा करने लगा परंतु यहां वो अपनी लाइफ के साथ कुछ संतोषजनक नहीं कर पाया और उसने सुसाइड कर लिया।
होशंगाबाद रोड स्थित बैकुंठ धाम, सुरेंद्र पैलेस निवासी 29 वर्षीय दीपक गर्ग पिता गोपालदास गर्ग की एक शॉप थी। बागसेवनिया पुलिस के अनुसार चार साल पहले वे मर्चेंट नेवी में जॉब करते थे। माता-पिता के बीमार होने के कारण उन्हें जाॅब छोड़ना पड़ा, क्योंकि वे दो बहनों में इकलौते भाई थे। बेटियों की शादी होने के बाद माता-पिता अकेले हो गए थे। इसलिए माता-पिता ने दीपक को वापस बुला लिया।
दीपक ने नारायण नगर में मोबाइल फोन की शॉप खोली। दुकान नहीं चलने पर उन्होंने उसे बंद करके दूसरी दुकान खोल ली, लेकिन इसमें भी घाटा हुआ। इसको लेकर वे मानसिक तनाव में चले गए। शनिवार शाम पांच बजे माता-पिता टहलने निकल गए तो दीपक ने घर में फांसी लगा ली। एक घंटे बाद घर पहुंचने पर माता-पिता को बेटा फंदे पर मिला। वे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।