भोपाल। सोशल मीडिया, वाट्सएप और स्मार्टफोन के कारण एक और परिवार टूटने की कगार पर आ गया। तलाक के लिए कुटुम्ब न्यायालय में पहुंचेे एक मामले में पति-पत्नी के विवाद की वजह मोबाइल ही बना। यह मामला जज आरएन चंद की कोर्ट में पहुंचा। पति तलाक चाहता था। उसका कहना था कि उसकी पत्नी दिन रात मोबाइल में बिजी रहती है। हालात यह है कि घर में खाना तक नहीं बनता। माता-पिता कई बार ब्रेड खाकर गुजर करते हैं।
फीचर फोन से नाराज थी पत्नी
पति-पत्नी के बीच इसे लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला पुलिस थाने और कोर्ट तक पहुंच गया। महिला ने कोर्ट में भरण-पोषण का केस लगाया है। वहीं, पति ने भी तलाक का प्रकरण लगाया दिया। इस मामले मेें कोर्ट ने मामले में काउंसलिंग के आदेश दिए। इसके बाद काउंसलर संगीता राजानी ने पति-पत्नी की काउंसलिंग की तब पता चला कि झगड़े की असल वजह, मोबाइल फोन था। पत्नी का कहना था कि उसका पति खुद तो स्मार्ट मोबाइल फोन रखता है, लेकिन उसे फीचर फोन दे रखा है, वह भी वो छुड़ा लेता है। परिजनों से बात भी नहीं करने देता है।
दिनभर सेल्फी, वॉट्सएप और फेसबुक, तंग आ गया हूं
इधर पति ने सफाई दी कि वह अपने मायके से स्मार्ट फोन लाई थी लेकिन दिनभर सेल्फी लेती रहती थी। वॉट्सएप और फेसबुक पर ही दिनभर एक्टिव रहती थी। ऐसे में कई बार खाना तक नसीब नहीं होता है। बुजुर्ग माता-पिता को ब्रेड खाकर काम चलाना पड़ता था। इसकी वजह से घर में झगड़े बढ़ गए थे। इससे तंग आकर मैंने उसे फीचर फोन दिला दिया था।
दोनों को जज ने दी ये समझाइश
दोनों की रिपोर्ट देखने के बाद जज ने मामले की सुनवाई करते हुए महिला को समझाइश दी कि वह घर का पूरा काम करने के बाद मोबाइल को छुए, जिसे उसने मान लिया। वहीं पति को शादी की सालगिरह पर पत्नी को स्मार्ट फोन खरीदकर देने के आदेश दिए। पति ने 11 जनवरी (शादी की सालगिरह) को पत्नी को स्मार्ट फोन खरीदकर दिया। इसके बाद उसने साक्ष्य कोर्ट को दिए तब जज ने दोनों के समझौता पेपर पर हस्ताक्षर किए। न्यायाधीश आरएन चंद ने काउंसलर को मामले में फॉलोअप करने के निर्देश दिए हैं।