भोपाल। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए लोकसभा प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई। संडे नाइट में आयोजित इस बैठक में प्रभारियों ने मंत्रियों की शिकायत जड़ दी। बोले प्रभारी मंत्री सुनते नहीं, फोन नहीं उठाते। मंत्री भाजपा के लोगों को साथ लेकर घूम रहे हैं, मंत्रियों का स्टाफ भी बात नहीं सुनता। प्रभारियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और इससे पहले प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया से वन-टूू-वन चर्चा की।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस तरह की शिकायत नहीं आना चाहिए। गृहमंत्री बाला बच्चन की गैरमौजूदगी पर नाथ ने कहा कि मैंने उनसे कह दिया है कि जल्द ही भोपाल आएं नहीं तो उनकी लापता की रिपोर्ट लिखवानी पड़ेगी। नाथ ने कार्यकर्ताओं की शिकायत पर देवास नगर निगम कमिश्नर विशाल सिंह चौहान को तत्काल हटाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश भी दिए।
पांच नामों का पैनल मांगा
नाथ ने कहा कि लोकसभा के जो प्रत्याशी चयनित किए जाएं, वे सिर्फ जिताऊ चेहरे हों। समय कम है मुझे सरकार का काम देखना है और संगठन का भी। इस स्थिति में जल्दी ही प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों से चार-पांच नाम के पैनल दे दिए जाएं।
जनता के बीच जाएं, सरकार की उपलब्धियां बताएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी से छुपा नहीं है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके बाद भी जो बन सकता है हमने किया है। किसानों की कर्जमाफी सबसे बड़ी उपलब्धि है। वचन पत्र में प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता को वचन दिया है, उसका अक्षरश: पालन किया जाएगा। इस साल हमारी जो घोषणाएं पूरी नहीं होती है, उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। अभी पेंशन 300 से बढ़ाकर 600 रुपए कर दी गई है। अगले वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 1 हजार रुपए कर दिया जाएगा। किसानों के कर्ज के मामले में घपले घोटाले करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
प्रभारियों में से भी हो सकते हैं लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी
बैठक में यह बात भी सामने आई कि जिन्हें लोकसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्ति किया गया है, उनके लिए ऐसी नीति नहीं है कि वे चुनाव नहीं लड़ सकते। पूर्व सांसदों में रामेश्वर नीखरा ने होशंगाबाद, प्रतापभानु शर्मा ने विदिशा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वहीं, पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ठाकुर सागर से दावेदारी कर रहे हैं। पूर्व महापौर और उज्जैन के प्रभारी सुनील सूद और राजकुमार पटेल भोपाल से दावेदारी जता रहे हैं।
ये भी दिए निर्देश
लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण देखकर प्रत्याशी का चयन किया जाए।
जहां गुटीय समीकरण गड़बड़ा रहे हैं, वहां समन्वय बिठाया जाए।
पिछले तीन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किस लोकसभा से पार्टी के उम्मीदवार कौन थे, उनकी जीत हार का अंतर दृष्टिगत रखते हुए उम्मीदवारों के पैनल तैयार किए जाएं।