भोपाल। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की बैठक में प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल द्वारा बैठक से बाहर किए जाने पर विभाग के उपसचिव नियाज अहमद खान ने ट्वीट कर अपना दुख जाहिर किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि 'खान' सरनेम का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है, ये भूत की तरह मेरे पीछे लगा है। सत्रह साल की नौकरी में उनके दस जिलों में उन्नीस बार ट्रांसफर हुए हैं। खान सरनेम होने के कारण उनसे ऐसा व्यवहार हुआ है। एक साल से उन्हें सरकारी मकान तक आवंटित नहीं हुआ है।
ओडीएफ घोटाला उजागर किया तो लूपलाइन में लगा दिया
नियाज अहमद खान अब तक पांच पुस्तकें लिख चुके हैं। नियाज अहमद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और बॉलीवुड अदाकारा मोनिका बेदी की लव स्टोरी के दफन राज नाबेल काफी चर्चा में रहा था। उन्होंने तीन तलाक पर भी उपन्यास लिखा था। इसके बाद मुस्लिम समाज में भी उनका विरोध हुआ था। नियाज का कहना है कि वे अब अपने ऊपर छठा नाबेल लिखेंगे, जिसमें उनके साथ सरकारी नौकरी में जो हुआ उसका खुलासा करेंगे। गुना में ओडीएफ घोटाला उजागर करने के बाद शिवराज सरकार ने उन्हें मंत्रालय में पदस्थ कर दिया था।
पीएस ने नियाज को बैठक से बाहर निकाल दिया था
पीएचई की बैठक में बुधवार को अधिकारी उस समय सकते में आ गए, जब प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल ने उपसचिव नियाज अहमद को वहां से निकल जाने के लिए कह दिया। अहमद ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की है। मंत्रालय में पीएचई की समय सीमा बैठक थी। इसमें अग्रवाल के साथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस दौरान पीएस ने अहमद से एक जानकारी के बारे में जवाब तलब किया। अहमद ने बताया कि विभागाध्यक्ष से जानकारी मांगी थी, लेकिन नहीं मिली। इस पर पीएस ने पूछा कैसे मांगी, जवाब मिला कि फोन पर बात की थी। इसे लेकर दोनों के बीच गर्मागर्म बहस हुई और अग्रवाल ने अहमद को 'गेट आउट' कहते हुए बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया। इसके बाद अहमद उठे और बैठक छोड़कर चले गए।
विवेक अग्रवाल अभद्र आईएएस हैं, प्रताड़ित करते हैं
अहमद ने पत्र लिखकर पीएस की शिकायत सीएस से की है। उन्होंने अग्रवाल के साथ काम करने में असमर्थता जताई है। अहमद का कहना है कि पीएस हमेशा अभद्रता करते हैं। आज भी उन्होंने मेरे साथ अभद्रता की। मैं उनके साथ काम नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि सवा साल से मेरे साथ भेदभाव हो रहा है। मुझे मकान तक अलॉट नहीं किया गया।
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अहमद बैठक में बिना तैयारी के आए थे, इसलिए उन्हें डांटा था। अधिकारियों को बैठक में तैयारी के साथ आना चाहिए।
विवेक अग्रवाल, प्रमुख सचिव, पीएचई
17 years in government service, transfer in 10 districts and 19 shiftings, I was always made feel untouchable, like a German Jew. Khan surname hounded me like a ghost.— Niyaz Khan (@saifasa) January 10, 2019