नई दिल्ली। ऑफिस वह जगह है जहां हम अपने दिन का सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। ऐसे में कंपनियां भी कर्मचारी के वर्किंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ऑफिस की डिजाइन भी बढ़े हुए स्ट्रेस का बड़ा कारण हो सकती है। एरिजोना विश्वविद्यालय के जरिए की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई है।
Occupational and Environmental Medicine में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक, जो कर्मचारी ओपन प्लान सीटिंग ऑफिस में वर्क करते हैं उनका स्ट्रेस लेवल उन लोगों के मुकाबले काफी कम होता है जो प्राइवेट ऑफिस या क्यूबिकल में काम करते हैं। एरिजोना विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम का दावा है कि यह पहली बार है जब ऑफिस की डिजाइन और कर्मचारी के स्ट्रेस लेवल के बीच साइंटिफिक लिंक ढूंढे गए हैं।
इस रिसर्च के लिए करीब 231 कर्मचारियों को चुना गया था, जिन्हें तीन दिन तक एक विशेष सेंसर पहनना था ताकि उनका स्ट्रेस लेवल और फिजिकल ऐक्टिविटी को नापा जा सके।
STUDY में हुए ये खुलासे
स्टडी में सामने आया कि ओपन सीटिंग ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी प्राइवेट ऑफिस में काम करने वाले लोगों से 32% और क्यूबिकल में वर्क करने वाले कर्मचारियों से 20% तक ज्यादा शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं। यह भी सामाने आया कि महिला कर्मचारियों के मुकाबले पुरुष कर्मचारी ऑफिस में रहने के दौरान ज्यादा फिजिकल ऐक्टिव रहते हैं।
स्टडी के मुताबिक, जो कर्मचारी ऑफिस में भी फिजिकली ऐक्टिव रहें उनका स्ट्रेस लेवल दूसरे कर्मचारियों के मुकाबले 14% तक कम होता है। यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन की शोध निदेशक एस्थर स्टर्नबर्ग ने कहा कि इस रिसर्च से यह सामने आया है कि ऑफिस का डिजाइन कर्मचारी की सेहत के लिहाज से कितना अहम है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह स्टडी सिर्फ ऑब्जर्वेशनल थी। सही नतीजों के लिए ऑफिस में मौजूद लिफ्ट और सीढ़ियों आदि के इस्तेमाल को भी शामिल किया जाना चाहिए।
काम पर ध्यान देने में होती है मुश्किल
एस्थर स्टर्नबर्ग की यह रिपोर्ट भले ही सेहत के लिहाज से ओपन सीटिंग प्लान को ज्यादा बेहतर मानती हो, लेकिन अगर इसे कर्मचारी की दक्षता से जोड़कर देखा जाए तो नतीजे कुछ और हो सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ओपन सीटिंग प्लान कर्मचारियों के एकाग्रता के स्तर को प्रभावित करता है।
बता दें कि, साल 2017 में दि वॉल स्ट्रीट जनरल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जो कर्मचारी ओपन ऑफिस में काम करते हैं वह आसपास होने वाले शोर और अन्य कर्मचारियों की बातचीत के कारण अपने काम पर अच्छे से ध्यान नहीं लगा पाते हैं।