भोपाल। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में 'वंदे मातरम' के गायन पर रोक लगा दी है। यह इसलिए भी तेजी से वायरल हो रहा है क्योंकि अब तक सीएम कमलनाथ की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है परंतु हम बताते हैं कि इस अफवाह के पीछे कारण क्या है।
अफवाह क्यों फैली, इसके पीछे का सच क्या है
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार ने एक परंपरा की शुरूआत की थी। मंत्रालय में प्रत्येक माह की 1 तारीख को पुलिस बैंड की धुन पर 'वंदे मातरम' का गायन किया जाता था। यह करीब 14 साल से निरंतर जारी था परंतु मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद 1 जनवरी 2019 को मंत्रालय में 'वंदे मातरम' का गायन नहीं हुआ। सुबह करीब 11 बजे यही खबर मीडिया की सुर्खियां बनीं। शाम तक यह खबर, बदलते बदलते अफवाह बन गई। कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने 'वंदे मातरम' के गायन पर रोक लगा दी है।
परंपरा क्यों टूटी, किसने आदेश दिया
बड़ा सवाल यह है कि यह परंपरा क्यों टूटी।
'वंदे मातरम' से कांग्रेस को परहेज नहीं है, कांग्रेस के कार्यक्रमों में भी 'वंदे मातरम' का गायन किया जाता है एवं सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना भी जारी नहीं हुई थी।
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के किसी भी दिग्गज ने शाम तक इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाई।
सवाल यह है कि परंपरा क्यों टूटी। किसने आदेशित किया कि 1 जनवरी 2019 को पुलिस बैंड नहीं आएगा। मंत्रालय के बाहर टेंट नहीं लगाया जाएगा और कर्मचारी निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक इस मामले में पक्ष या विपक्ष की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
देर रात CM कमलनाथ ने बयान जारी किया
न्यूज ऐजेंसी एएनआई ने रात करीब 11 बजे सीएम कमलनाथ का बयान जारी किया। इसमें कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने 1 तारीख को 'वंदे मातरम' गायन को स्थगित कर दिया था। वो नए रूप में इसे लागू करेंगे। कमलनाथ ने जोड़ा कि जो लोग वंदे मातरम नहीं सुनते वे देशभक्त नहीं हैं?
देर रात CM कमलनाथ ने बयान जारी किया
न्यूज ऐजेंसी एएनआई ने रात करीब 11 बजे सीएम कमलनाथ का बयान जारी किया। इसमें कमलनाथ ने कहा है कि उन्होंने 1 तारीख को 'वंदे मातरम' गायन को स्थगित कर दिया था। वो नए रूप में इसे लागू करेंगे। कमलनाथ ने जोड़ा कि जो लोग वंदे मातरम नहीं सुनते वे देशभक्त नहीं हैं?