भोपाल। पिछले दिनों ऋषि कुमार शुक्ला आईपीएस को पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के पद से हटा दिया गया। इसकी आशंका पहले से ही थी क्योंकि शुक्ला को शिवराज सिंह का नजदीकी माना जाता है और नए सीएम कमलनाथ से उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी परंतु जब पता चला कि वह क्या कारण था जिसके चलते आनन-फानन में निर्णय लिया गया तो चर्चाएं शुरू हो गईं। कहा जा रहा है कि अभिषेक मिश्रा कांड के कारण ऋषि कुमार शुक्ला को आनन-फानन हटाया गया।
पत्रकार श्री धनंजय प्रताप सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक मिश्रा मूलरूप से कमलनाथ और कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर काम किया करते थे। उन्हें कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस, भोपाल स्थित उनके आवास से उठा ले गई थी। दिल्ली पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार करने से पहले न तो भोपाल पुलिस को सूचित किया और न ही उसके परिवार को सूचना दी।
मुख्यमंत्री इस बात से बेहद खफा थे और उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ मप्र पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश दिए थे। सीएम की ओएसडी प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने इस बारे में डीजीपी से बातचीत भी की थी, लेकिन पुलिस को ऐसा कोई ग्राउंड नहीं मिला कि वह दिल्ली पुलिस पर आपराधिक मामला दर्ज करे। उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि सीएम इस घटना से बेहद नाराज थे, उन्होंने दिल्ली पुलिस पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए कानूनी परामर्श भी लिया था।
प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने भी इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि कार्रवाई से पहले दिल्ली पुलिस को मप्र पुलिस से संपर्क करना था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सायबर सेल ने एक महिला की शिकायत पर अभिषेक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। अभिषेक की गिरफ्तारी 24 जनवरी को की गई थी, तब मुख्यमंत्री कमलनाथ दावोस में थे।
स्विट्जरलैंड से दिए थे सीएम ने निर्देश
अभिषेक की गिरफ्तारी के दौरान मुख्यमंत्री स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सम्मेलन में थे, उन्होंने वहां से ही इस मामले में राज्य की पुलिस से दिल्ली पुलिस से बात करने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कि मप्र के छतरपुर निवासी अभिषेक सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव रहते हैं। वे काफी लंबे समय से यू-ट्यूब पर वीडियो बनाकर डालते रहे हैं, जो कि काफी पॉपुलर रहते हैं। टि्वटर, फेसबुक पर भी वह लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और पूर्व में शिवराज सिंह चौहान की खुले तौर पर आलोचना करते रहे हैं।
भोपाल से निकलने पर दी सूचना
मप्र की सीमा से निकल जाने के बाद भोपाल के पुलिस कंट्रोल रूम को दिल्ली पुलिस ने फैक्स से अभिषेक की गिरफ्तारी की सूचना दी। दूसरे दिन 25 जनवरी को कोर्ट में पेश कर अभिषेक को एक दिन की रिमांड पर लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक गुजरात और मप्र विधानसभा चुनाव में अभिषेक ने सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ प्रचार-प्रसार किया था, इससे पार्टी को नुकसान हुआ।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा
अभिषेक की गिरफ्तारी पर राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सचिव गृह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा था कि ये सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है। गिरफ्तारी से पहले न ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया और न ही उसके परिजनों को सूचना दी गई।
इस तरह की गई गिरफ्तारी की जांच कराई जाना चाहिए। साथ ही नियम विरुद्ध गिरफ्तारी करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में डीजीपी शुक्ला की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
सीएम का विशेषाधिकार
डीजीपी का तबादला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। जहां तक अभिषेक मिश्रा की गिरफ्तारी का सवाल है तो इसका विरोध तो पूरी सरकार ने किया था। मैंने भी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।
- बाला बच्चन, गृह मंत्री, मप्र