नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार अब चुनावी मोड में है। कर्मचारियों की नाराजगी कम करने के लिए मोदी सरकार जल्द ही EPFO की ब्याज दरों में बदलाव कर सकती है। सरकार के इस फैसले का सीधा असर नौकरी पेशा लोगों को रिटायरमेंट पर मिलने वाले पीएफ फंड पर पड़ेगा। खबरों की मानें तो मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है।
इस मामले में जनवरी के आखिरी हफ्ते में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)कोई बड़ा फैसला ले सकता है। EPFO की ब्याज दर में अगर बदलाव किया जाता है तो इसका सीधा असर छह करोड़ खाताधारकों पर होगा। फिलहाल EPFO की ब्याज दर 8.55 फीसदी है। EPFO की ब्याज दर में बदलाव करने के लिए रिव्यू कमिटी भी बनाई गई थी, जिसके बाद अब यह फैसला लिया जा सकता है।
EPFO की ब्याज दर बढ़ाने के साथ खाताधारकों को ऐसा विकल्प भी दिया जा सकता है, जिससे वह खुद तय कर सकेंगे कि जमा फंड में से कितना शेयर बाजार में लगाना है। ईपीएफओ ने इसके लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो पीएफ में कैश और ईटीएफ के हिस्से को अलग-अलग दिखाएगा। वर्तमान में खाते में सिर्फ बचत दिखाई देती है।