नई दिल्ली। 2019 चुनावी साल है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद और उनकी पूरी सरकार चुनावी मोड में आ गई है। अब जितने भी फैसले होंगे लोगों को लुभाने के लिए होंगे। स्वभाविक है जनता को थोड़ा फायदा मिलेगा। सवाल यह है कि क्या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भी नए साल में अपने अंशधारकों को उनके पीएफ (PROVIDENT FUND) पर ज्यादा ब्याज (INTEREST) देगा।
ज्यादा ब्याज तो मिलेगा लेकिन इस तरीके से
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ईपीएफओ अपने अंशधारकों को ज्याद ब्याज मुहैया करना चाहता है। वह इसके लिए पीएफ अंशधारकों को जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इक्विटी में निवेश (INVESTMENT IN EQUITY) घटाने या बढ़ाने का विकल्प देने की तैयारी में है। इस विकल्प मिलने के बाद जो अंशधारक अपने कोष पर अधिक रिटर्न लेना चाहेंगे वो शेयर बाजारों में निवेश बढ़ाएंगे। इससे उनके ज्यादा ब्याज मिल सकेगा।
कर्मचारी के खाते में ETF भी दिखेगा
वर्तमान में ईपीएफओ खाताधारकों के जमा का 15 प्रतिशत तक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (EXCHANGE TRADED FUNDS) में निवेश करता है। इस मद में अब तक करीब 55,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। ईटीएफ में किया गया निवेश अंशधारकों के खाते में नहीं दिखाई देता है और न ही उनके पास अपनी भविष्य की इस बचत से शेयर में निवेश की सीमा बढ़ाने का विकल्प है। ईपीएफ अब एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है जो कि सेवानिवृत्ति बचत में नकदी और ईटीएफ के हिस्से को अलग दिखाएगा।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बताया, कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं के लिए भी सेवाओं को आसान बनाया गया है। प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत भारत सरकार एक अप्रैल 2018 से तीन साल के लिए नए कर्मचारियों के वास्ते नियोक्ता के पूरे अंशदान (ईपीएफ और ईपीएस) का भुगतान कर रही है।