भोपाल। प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने सभी सरकारी महाविद्यालयों, निजी महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष तथा सभी कुल सचिवों को संस्थानों में शैक्षणिक वर्ग की उपलब्धता बनाये रखने के लिये किसी भी शिक्षक का कार्यकाल एक सप्ताह में 40 घंटे से कम नहीं हो, को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम-2018 के अंतर्गत जारी किये गये हैं।
श्री मण्डलोई ने कहा कि निर्देशानुसार पूर्णकालिक रोजगार के मामले में एक शिक्षा वर्ष में शिक्षकों का कार्यकाल 30 कार्य सप्ताह (180 शिक्षण दिवस) के लिये एक सप्ताह में 40 घंटे से कम का नहीं होना चाहिये। इसके तहत शिक्षकों को संस्था के हित में शिक्षण कार्यों के साथ-साथ शैक्षणेत्तर कार्य एवं सभी आवश्यक कार्य सुनिश्चित किया जाना है। साथ ही कालखण्डों अनुसार नियमित अध्यापन कार्य, मूल्यांकन और विश्वविद्यालय परीक्षा कार्य में आवश्यक सहयोग, संस्थान की शैक्षणेत्तर गतिविधियों में पूर्ण सहयोग, हितग्राहियों को नियमानुसार लाभ सुनिश्चित करना, विद्यार्थियों की समस्याओं जैसे अंक-सूची, परीक्षा परिणाम प्राप्त न होना आदि कार्यों में सहयोग करना होगा।
इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा निर्धारित स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, रोजगार आदि में सहयोग, अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति के विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्टेशनरी एवं पुस्तकों का प्रदान, रूसा एवं विश्व बैंक परियोजना के अधोसंरचना कार्यों में आवश्यक सहयोग तथा एनएसएस एवं एनसीसी के माध्यम से समाज-सेवा कार्य भी सुनिश्चित करना होगा। प्रमुख सचिव श्री मण्डलोई के अनुसार सभी कार्यों को सुनिश्चित करने के लिये यह अनिवार्य होगा कि शिक्षक कम से कम पाँच घंटे प्रतिदिन महाविद्यालय/विश्वविद्यालय में उपस्थित रहें।