भोपाल। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक पर निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व स्टाफ अस्पताल में उपलब्ध रहे परंतु यह नहीं बताया कि यदि डॉक्टर अपनी टेबल पर ना मिले तो क्या करें। बता दें कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर अक्सर टेबल पर नहीं मिलते। ओपीडी राम भरोसे चलती है। वार्ड में डॉक्टर राउंड पर भी नियमित रूप से नहीं आते। ज्यादातर मरीजों को इलाज नहीं मिलता। लोग बस यह संतोष करके रह जाते हैं कि वो अस्पताल में हैं। भाजपा शासनकाल में अस्पताल पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। हम बदलाव चाहते हैं और प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर बदलाव दिखना चाहिये। मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश दिये कि सभी अस्पतालों में समय पर चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की मौजूदगी रहे। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई और पेयजल आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अस्पताल के सिविल सर्जन इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें। श्री सिलावट आज मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मंत्री श्री सिलावट ने स्वास्थ्य आयुक्त श्रीमती पल्लवी जैन गोविल से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को आम नागरिकों तक बेहतर ढंग से पहुँचाने में किसी किस्म की लापरवाही और सुस्ती को बर्दाश्त नहीं किया जाये। उन्होंने स्वास्थ्य आयुक्त से कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को समय-समय पर औचक निरीक्षण करना चाहिये, जिससे वास्तविक स्थिति की जानकारी मिले और जहाँ सुधार की जरूरत है, वहाँ सुधार किया जा सके।
मैं स्वयं निरीक्षण करूंगा: मंत्री
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि वह स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण करेंगे। अस्पतालों में दिये गये निर्देशों के अनुसार की गयी व्यवस्थाएँ नहीं पाये जाने पर और चिकित्सकों के गैर-हाजिर मिलने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जायेगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों की समीक्षा भी की गयी।