सुनील विश्वकर्मा/हरपालपुर/छतरपुर। नई सरकार में नए बंदोबस्त हो रहे हैं। जनता का ध्यान रखा जा रहा है। सरकार के मंत्री अफसरों की खिंचाई कर रहे हैं। हाल ही में सीएम कमलनाथ ने अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े शब्दों में निर्देश दिए हैं परंतु यहां सरकारी अस्पताल में पिछले 4 महीने से एक भी डॉक्टर नहीं है। एकमात्र महिला डॉक्टर तबादला कराकर चली गईं। शेष 2 डॉक्टर सितम्बर से छुट्टी पर चल रहे हैं।
एकमात्र LADY DOCTOR थी, तबादला कर दिया
विभागीय उदासीनता के चलते क्षेत्र की हरपालपुर की स्वास्थ्य सेवाएं बीमार चल रही हैं हालात यह की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन डॉ पदस्थ हैं और तीन में से दो छुट्टी पर हैं इसमें डॉ श्यामबरन 10 सितम्बर से बिना बताये सामान लेकर यहाँ से चले गए है। वहीं महिला डॉ ज्योति पटैरिया ने अपना ट्रांसफर दूसरी जगह करा लिया हैं। प्रभारी मेडिकल ऑफीसर डॉ० विष्णु प्रकाश मिश्रा 15 सितम्बर से अवकाश पर निरंतर चल रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के इलाज व प्रसव स्टॉफ नर्सो के भरोसे चल रहा हैं। महिला डॉक्टर के न होने से गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए यहाँ वहाँ भटकना पड़ता हैं और सीरियस मरीज को जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया जाता है।
पुलिस MLC भी नहीं करा पा रही
अस्पताल परिसर में सीरियस मरीजों को जिला चिकित्सालय ले जाने के लिए न जननी एक्सप्रेस वाहन और न ही 108 एम्बुलेंस वाहन सालो से अस्पताल परिसर में वाहन उपलब्ध नहीं हैं। और पुलिस एमएलसी के लिए यहाँ से 30 किलोमीटर की दूरी पर नौगांव के अस्पताल जाना पड़ता है। करीब 30 हजार की आबादी के बीच नगर के इकलौते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन-तीन डॉक्टरों की नियुक्ति के बाद भी एक भी डॉक्टर चार महीने से अस्पताल में मौजूद नहीं हैं। बता दें कि आसपास क्षेत्र के 30 गांव से मरीज इलाज कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरपलापुर आते हैं।