बड़वानी/इंदौर। इंदौर में झूलाघर चलाने वाले बुजुर्ग दंपति ने बड़वानी के एक होटल में बुधवार को जहरीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। बीमा नगर इंदौर निवासी 61 वर्षीय गुणवंत भिड़े और उनकी पत्नी 60 वर्षीय वंदना के शव बड़वानी के आनंद पैलेस होटल के कमरा नं. 202 में मिले। बताया जा रहा है कि पुलिस ने बिना प्राथमिक जांच किए 61 साल के गुणवंत भिड़े के खिलाफ 7 साल की मासूम लड़की के साथ रेप का केस दर्ज कर लिया था। इसी से दुखी होकर दंपत्ति ने सुसाइड कर लिया।
भिड़े परिवार के वकील सुनील रामचंदानी ने बताया, झूलाघर संचालक भिड़े का बच्चों को डांटने की बात पर 17 जनवरी को एक महिला से विवाद हुआ था। महिला ने उन्हें पाॅक्सो एक्ट में फंसाने की धमकी दी थी। 18 जनवरी को महिला की 7 साल की बेटी की शिकायत पर पुलिस ने भिड़े के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट में केस दर्ज कर लिया। इसी दिन पति-पत्नी लापता हो गए। बाद में बच्ची की मेडिकल में कुछ नहीं निकला। शिकायत फर्जी पाई गई परंतु तब तक दंपत्ति जा चुके थे और पुलिस ने इस पर कोई ध्यान भी नहीं दिया।
होटल के रिकाॅर्ड अनुसार, कमरा लेने के दौरान भिड़े ने 500 रुपए जमा कराए थे। होटल संचालक ने बुधवार दोपहर करीब 12.30 बजे कर्मचारी को रुपए लेने के लिए भेजा था लेकिन दरवाजा नहीं खोलने पर पुलिस को बुलाया गया। इसके बाद मास्टर की से दरवाजा खोला। बेड पर दोनों के शव मिले थे। होटल से प्राप्त जानकारी अनुसार दंपति ने 21 जनवरी को आखिरी बार खाना लिया था। टीआई राजेश यादव ने बताया- होटल में उन्होंने दोपहर 12 बजे पानी लिया था।
वकील ने जताई सुसाइड नोट दबाने की आशंका / The lawyer said the possibility of suppressing the suicide note
रामचंदानी ने आशंका जताई है कि इंदौर में पुलिस के खिलाफ आक्रोश बढ़ने से बड़वानी पुलिस दंपति का सुसाइड नोट दबा सकती है, क्योंकि पलासिया थाना पुलिस पर एकतरफा जांच के आरोप लग रहे हैं।
INDORE के पलासिया थाना पर परिजन ने किया हंगामा
भिड़े दंपति के मौत के बाद परिजनों ने गुरुवार शाम को इंदौर के पलासिया थाने पर हंगामा किया। परिजन ने पुलिस पर लापरवाही बरतते हुए बिना जांच कर केस दर्ज करने का आरोप लगाया। साथ ही गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उन्हें नहीं तलाशा गया वरना वो आज जीवित होते। दंपति के दामाद आशीष चौहान ने बताया कि ससुर गुणवंत पर एक महिला ने गलत आरोप लगाया था। इससे परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। बुजुर्ग दंपति की गुमशुदगी की शिकायत हमने थाने पर की थी, लेकिन पुलिस ने लापरवाही पूर्वक रवैया बरतते हुए दोनों की तलाश नहीं की। पुलिस उनकी तलाश कर लेती तो वो आज जिंदा होते।