मुरैना IPS SUJANIA, 2 TI और 15 पुलिसवालों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज हो सकता है | MP NEWS

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ग्वालियर। मुरैना के एडिशनल एसपी अनुराग सुजानिया (IPS ANURAG SUJANIA), कोतवाली थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन, क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह यादव एवं 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण एवं डकैती का मामला दर्ज हो सकता है। हाईकोर्ट ने सीबीआई से दिशा-निर्देश मांगे हैं। आरोप है कि इन अधिकारियों ने एक युवक को घर से उठाया और थाने में बंद कर दिया। उसे बेरहमी से पीटा। कोर्ट ने जब जानकारी मांगी तो हिरासत से मुकर गए। कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिया, जिसमें युवक थाने में घायल स्थिति में मिला।  

पीड़ित युवक का नाम छोटू उर्फ आदर्श परमार निवासी केशव कॉलोनी मुरैना है। हाईकोर्ट ने मप्र शासन और मुरैना एसपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि मुरैना के एडिशनल एसपी अनुराग सुजानिया, कोतवाली थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन, क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह यादव एवं अन्य 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्यों न अपहरण व डकैती का केस दर्ज कराकर उसकी सीबीआई से जांच कराई जाए? हाईकोर्ट ने सीबीआई के अभिभाषक को इस संबंध में सीबीआई से दिशा-निर्देश लेने और हाईकोर्ट में बताने का आदेश भी दिया है। 

क्या है मामला

युवक की मां सुनीता परमार ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए मुरैैना सत्र न्यायालय में वाद दायर किया था, जिसके खारिज होने पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका पेश की गई। मुरैना केशव कॉलोनी में रहने वाली सुनीता पत्नी विक्रम परमार ने एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश कर कहा कि 26 जून 2018 को श्री सुजानिया, श्री जादौन, श्री यादव एवं अन्य पुलिसकर्मी मेरे बेटे आदर्श उर्फ छोटू को जबरिया मारपीट करते हुए उठा ले गए। साथ ही वे घर के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो को भी ले गए थे लेकिन बाद में पुलिस ने बेटे को कोर्ट में पेश नहीं किया तो हमने मुरैना न्यायालय में आवेदन लगाकर कहा कि पुलिस से बेटे को कोर्ट में हाजिर कराया जाए। लेकिन पुलिस ने छोटू की जानकारी होने से मना कर दिया।

COURT ने सर्च वारंट जारी किया तो थाने में घायल मिला

इसके बाद कोर्ट ने एडवोकेट सूबेदार शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सर्च वारंट जारी कर दिया। श्री शर्मा ने जब छोटू को सर्च किया तो उसे मुरैना के सरायछोला थाने की हवालात में बंद पाया और वह काफी चोटिल था, यह चोटें पुलिस द्वारा की गई मारपीट से आईं। श्री शर्मा ने उसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की और कोर्ट को जानकारी दी। फिर पुलिस ने छोटू को कोर्ट में पेश कर दिया। मेडिकल कराने पर छोटू के शरीर पर 8 गंभीर चोटें पाई गईं, स्कॉर्पियो लावारिस हालत में जब्त होने पर एसडीएम के आदेश पर वापस की गई। इस मामले में श्री भदौरिया ने हाईकोर्ट में तर्क रखा कि पुलिस ने एक छात्र को जबरिया गिरफ्तार कर मारपीट की और फिर न्यायालय को भी गुमराह किया। इसलिए उक्त अधिकारियों व अन्य कर्मियों पर एफआईआर कराई जाए। 
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