भोपाल। प्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत किसानों की ओर से प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये जिला स्तर पर कंट्रोल-रूम गठित किये जायेंगे। शिकायतों के निराकरण के लिये राज्य शासन सभी आवश्यक जाँच करवायेगा। इस संबंध में जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने उन्हें विदेश प्रवास के दौरान मिली किसानों की शिकायतों और ऋणी किसानों द्वारा प्रकाशित सूचियों पर बड़ी संख्या में आपत्तियाँ दर्ज किये जाने को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिलों में कंट्रोल-रूम का गठन कर शिकायतों की पूरी जाँच की जाये। उन्होंने कहा है कि शिकायतों पर जाँच के लिये जिला कलेक्टर, राजस्व/कृषि/सहकारिता विभाग के अधिकारियों एवं अन्य विभागों के अधिकारियों की पैनल बनायें। कंट्रोल-रूम के टेलीफोन नम्बरों से आयुक्त सहकारिता को भी अवगत कराया जाये। कंट्रोल-रूम में शिकायतों को निर्धारित प्रपत्र में दर्ज कर अधिकतम दो दिनों में तथ्यों की पुष्टि अथवा जाँच कराकर शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जिला कलेक्टरों द्वारा समस्त आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी, आयुक्त सहकारिता कार्यालय को भी भेजी जायेगी। आयुक्त कार्यालय का ई-मेल res.mp.bhopal@mp.gov.in है। इस मेल पर जिलों में की गई कार्यवाही से अवगत करवाया जायेगा। आयुक्त सहकारिता द्वारा प्रति दिन प्राप्त जानकारियों को संकलित कर प्रमुख सचिव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग को एकजाई रिपोर्ट तैयार कर भेजी जायेगी।
सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने भी पूर्व शासन में सहकारी संस्थाओं के दुरुपयोग के संबंध में दोषी लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि किसानों द्वारा शिकायत की जा रही थी कि उन्हें दिये गये ऋण की जो राशि प्रकाशित की जा रही है, उसकी मात्रा त्रुटिपूर्ण है। इसके साथ ही कुछ ऐसी शिकायतें भी आई थीं, जिनमें किसानों ने यह बताया कि उनके द्वारा ऋण लिया ही नहीं गया है। प्रदेश के ग्वालियर, झाबुआ, खरगोन, सागर, छतरपुर, जबलपुर, सिवनी, सीधी एवं सतना से ऐसी शिकायतें
मिली थीं।
प्रमुख सचिव ने प्रति-दिन समीक्षा के दिये निर्देश
प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री अजीत केसरी ने आज विभागीय अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये कि किसानों से प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये पृथक से पोर्टल विकसित कर एक-दो दिन में ही सभी कार्य सम्पादित किये जायें। सहकारिता विभाग के स्तर पर जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समस्त कार्यवाहियों को तत्परता से सम्पादित किया जाये। सहकारिता आयुक्त ने बताया कि योजना के कारगर क्रियान्वयन के लिये विंध्याचल भवन में भी नियमित समीक्षा की व्यवस्था की गई है।