नई दिल्ली। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 Anti Sikh Riots) के आरोपियों में मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ का नाम भी लिया जाता है। हालांकि अब तक कमलनाथ के खिलाफ काई चार्जशीट नहीं है परंतु दंगा पीड़ितों ने कमलनाथ को सजा दिलाने के लिए रणनीति बनाई है। दंगा पीड़ितों की ओर से जल्द ही कमलनाथ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
84 के दंगा पीड़ितों के वकील एचएस फुल्का ने कहा है कि सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के पास सारे कानूनी विकल्प थे और हमें लग रहा था कि वह सरेंडर से बचने की कोशिश करेगा। वह हाई कोर्ट गया था, सुप्रीम कोर्ट भी गया, लेकिन उसके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए उसको सरेंडर करना पड़ा। फुल्का ने कहा कि यह केस अभी मुकाम पर नहीं पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में उसने (सज्जन कुमार) अपील डाली है। उस पर सुनवाई होगी। सज्जन कुमार ने जो सुप्रीम कोर्ट में अपील की है उसका हमें विरोध करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट उसको कोई राहत न दे।
उन्होंने कहा कि हम दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज नहीं करेंगे क्योंकि इससे सुप्रीम कोर्ट में केस एडमिट हो जाएगा और लंबा हो जाएगा। इसलिए मैंने पीड़ितों को यह सलाह दी है और उन्होंने मान ली है। इस मामले से दूसरे केस पर भी असर पड़ेगा। अभी टाइटलर का केस है सज्जन कुमार का केस है और इन दोनों केस से कमलनाथ का केस बड़ा स्ट्रांग होता है लेकिन वह केस अभी शुरू नहीं हुआ है। हम कोशिश करेंगे कि वह केस शुरू हो।