शिक्षा विभाग: आवंटन ही नहीं, अध्यापकों को वेतन अटका, एरिया तो डेढ़ साल से नहीं मिला | MP ADHYAPAK NEWS

Bhopal Samachar
नेपानगर. खकनार ब्लॉक के अध्यापकों को माह की 9 तारीख हो जाने के बाद भी वेतन नहीं मिला है। इस कारण वे परेशान हो रहे हैं। एक हजार अध्यापक वेतन से वंचित हैं। इस मामले में अध्यापकों ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि विभाग के पास आवंटन नहीं है। एक हजार अध्यापकाें को लगभग सवा करोड़ रुपए का वेतन दिया जाना है। वेतन नहीं मिलने से अध्यापकों के काम अटक गए हैं। 

हर माह की अंतिम या पहली तारीख को ही अध्यापकों के खातों में वेतन की राशि डाली जाना है। बुरहानपुर ब्लॉक के अध्यापकों का वेतन हो चुका है, लेकिन खकनार ब्लॉक के अध्यापकों को आवंटन नहीं होने की बात कहकर वेतन नहीं दिया जा रहा है। तीन महीने पहले भी ऐसी स्थिति बनी थी। 10 तारीख हो जाने तक भी वेतन नहीं मिला था। इसके पीछे कारण यह भी बताया जा रहा है कि संकुल से बिल बनाने में देरी की जाती है। इस कारण वेतन अटक जाता है। अध्यापकों ने अफसरों से व्यवस्था में सुधार कर समय पर वेतन दिए जाने की मांग की है। 

समय पर की जाना थी अलाटमेंट की मांग 
एक से चार तारीख के बीच में वेतन नहीं मिला तो अध्यापकों ने संकुल और जनपद के अफसरों से जानकारी निकाली। अध्यापकों ने बताया अफसरों का कहना है कि आवंटन नहीं मिला है। विभाग से तीन माह के वेतन के लिए साढ़े चार करोड़ रुपए के लगभग का आवंटन मांगा है। अध्यापकों ने कहा आवंटन खत्म हो चुका था तो समय पर इसकी मांग की जाना थी। ताकि समय पर अध्यापकों के खाते में राशि डाली जा सके। 

काम में देरी होने के कारण नहीं मिल पाता वेतन 
अध्यापकों का आरोप है कि संकुल पर 21 तारीख तक उपस्थिति पत्रक जमा हो जाते हैं। इसकी जांच कर 25 तारीख तक जनपद में जानकारी भेज देना चाहिए, लेकिन काम में देरी के कारण समय पर बिल जनपद में जमा नहीं हो पाते हैं। इस कारण वेतन में देरी होती है। कई बार प्रधान पाठक भी देरी से उपस्थिति पत्रक जमा करते हैं। 

डेढ़ साल बाद भी नहीं मिला एरियर्स 
खकनार ब्लॉक के अध्यापकों को डेढ़ साल बाद एरियर्स की राशि नहीं मिली। इसके लिए कई बार अफसरों से मांग कर चुके हैं। लेकिन हर बार आश्वासन मिल रहा है। अध्यापकों ने कहा संकुल और विभागीय अफसरों की लापरवाही के कारण एरियर्स नहीं मिल रहा है। शासन से एरियर्स दिए जाने के आदेश हो चुके हैं। 

ऐसे बनता है अध्यापकों का वेतन 
हर स्कूल के प्रधान पाठक उपस्थिति पत्रक बनाते हैं। इसमें शिक्षक की अनुपस्थिति, उपस्थिति और अवकाश की जांच की जाती है। उपस्थिति पत्रक प्रधान पाठक द्वारा संकुल केंद्र में जमा कराया जाता है। संकुल पर जमा किए जाने वाले अलग-अलग स्कूलों के उपस्थिति पत्रकों की जांच कर वेतन बनाया जाता है। सभी स्कूलों की जानकारी एकत्र कर वेतन के लिए जनपद कार्यालय में जानकारी भेजी जाती है। जनपद से अध्यापकों के खाते में राशि डाली जाती है। 


ये हो रही परेशानी 
वेतन नहीं मिलने के कारण अध्यापकों के जरूरी काम अटक गए हैं। घर में राशन, बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पाने के साथ उधारी भी नहीं चुका पा रहे हैं। इस कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। अध्यापकों ने कहा समय पर वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। 

संकुल से बिल बुलवा लिए गए हैं, लेकिन आवंटन नहीं है। भोपाल स्तर से समस्या है। जैसे ही आवंटन मिलेगा, अध्यापकों को वेतन दिया जाएगा। हर तीन माह की डिमांड भेजते हैं। इस बार की डिमांड भी भेजी जा चुकी है।
रविंद्र महाजन, ब्लॉक डेवलमेंट ऑफिसर

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!