भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों के 2 लाख रूपये तक के LOAN माफ करने का निर्णय लिया गया। योजना में अब 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण लेने वाले कृषक लाभांवित होंगें। पहले 31 मार्च 2018 तक के ऋणी कृषकों को इसमें शामिल किया गया था। एक 01 अप्रैल 2007 को अथवा उसके बाद ऋण प्रदाता संस्था से लिये गये फसल ऋण को इसमें शामिल किया गया। योजना में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम 2 लाख की सीमा तक योजना पात्रतानुसार लाभ देने का निर्णय लिया गया। योजना में लगभग 55 लाख कृषकों को लाभ मिलेगा। इसमें लघु और सीमांत 35 लाख कृषकों को प्राथमिकता से ऋण माफी का लाभ मिलेगा।
प्रत्येक विकासखंड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत योजना के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार होंगे। सूची के प्रकाशन के बाद आधार कार्ड सीडेड सूची (हरी सूची) के किसानों से हरे रंग के आवेदन-पत्र तथा गैर आधार कार्ड सीडेड सूची (सफेद सूची) के किसानों से सफेद रंग के आवेदन-पत्र ग्राम पंचायत में सूची चस्पां होने के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय में ऑफ लाइन प्राप्त किये जायेंगे। दोनों सूची में शामिल नहीं होने वाले किसान गुलाबी रंग के आवेदन-पत्र में आवेदन कर सकेंगे। तीनों किस्म के आवेदन-पत्र की जानकारी 26 जनवरी 2019 को ग्राम सभा की बैठक में दी जायेगी। किसानों को 22 फरवरी 2019 से उत्साह पूर्वक कार्यक्रम कर ऋणमुक्ति प्रमाण-पत्र और किसान सम्मान-पत्र दिये जायेंगे।
कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये करने का निर्णय
मंत्री-परिषद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत दी जाने वाली राशि को 28 हजार से बढाकर 51 हजार रूपये करने का निर्णय लिया। इस राशि में से सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन के लिये अधिकृत निकायों को 3 हजार रूपये प्रति कन्या के मान से और शेष राशि 48 हजार कन्या के बचत बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। आदिवासी अंचलों में जनजातियों में प्रचलित विवाह प्रथा के तहत होने वाले एकल या सामूहिक विवाह को भी कन्या विवाह सहायता की राशि दी जाएगी।
ग्वालियर मेले में यानों पर जीवन काल कर में 50 प्रतिशत छूट
मंत्री-परिषद ने ग्वालियर व्यापार मेला वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश में पंजीकृत गैर परिवहन यानों तथा छोटे परिवहन यानों को, मेला अवधि के दौरान विक्रय पर जीवन काल कर में 50 प्रतिशत की छूट सशर्त देने का निर्णय लिया।