भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान युग का अंत शुरू हो गया है। अमित शाह ने उन्हे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर दिल्ली बुला लिया है। अब वो मध्यप्रदेश की राजनीति में ज्यादा दखल नहीं दे पाएंगे। बताया जा रहा है कि उन्हे लोकसभा चुनाव में लगाया जाएगा एवं उन्हे भाषण देने के भरपूर अवसर दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह युग का अंत भी शुरू हो गया है।
नाक में दम कर रखा था शिवराज सिंह ने
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता से बेदखल होने के बाद से संगठन की नाक में दम कर रखा था। मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने के बाद वो भाजपा के मात्र एक विधायक थे परंतु वो इस तरह से सामने आ रहे थे मानो नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पदों पर वो ही आरूढ़ हैं। सीएम हाउस से बाहर आते ही उन्होंने भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया था। जब टोका गया तो कुछ देर चुप रहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए फिर सक्रिय हो गए। उन्हे साफ इंकार करके भेजा गया परंतु नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में शिवराज सिंह ने ना केवल अपनी चालें चलीं बल्कि सफल भी हुए। वो अमित शाह की मर्जी के खिलाफ नरोत्तम मिश्रा को रोकने में कामयाब रहे। विधानसभा में खुद नेता प्रतिपक्ष की तरह व्यवहार करते नजर आए। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में टांग अड़ाई जिससे भाजपा की काफी थू-थू हुई।
अब क्या करेंगे शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान का ज्यादातर समय अब दिल्ली में बीतेगा। उन्हे लोकसभा चुनाव के काम में लगाया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान को भाषण देने का शौक है अत: उन्हे उत्तरप्रदेश या राजस्थान में प्रचारक की तरह सक्रिय किया जाएगा। कार्यकर्ता सम्मेलनों को संबोधित करने के लिए देश भर में भेजा जाएगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि जैसे ही वो विदिशा से साधना सिंह के टिकट मांगेंगे, उन्हे प्रत्याशी बनाकर उतार दिया जाएगा।