भोपाल। भाजपा में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय के बीच खींचतान इस कदर बढ़ गई है कि इसके चलते विधानसभा चुनाव परिणाम तो प्रभावित हुए ही थे, अब विधानसभा में अध्यक्ष पद के बाद उपाध्यक्ष पद भी हाथ से निकल गया।
मध्यप्रदेश की विधानसभा में आज 20 साल पुरानी परंपरा टूट गई। भारी हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे को डिप्टी स्पीकर घोषित कर दिया। सदन के अंदर भाजपा ने अध्यक्ष पद के चुनाव के वक्त भी हंगामा मचाया था और आज भी हंगामा मचाया। चुनाव और वोटिंग में भाजपा नेताओं की रुचि ही नजर नहीं आई। भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के खास विधायक जगदीश देवड़ा को प्रत्याशी बनाया था।
सत्र शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हरकतें शुरू कर दीं। वो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर जाकर बैठ गए जबकि गोपाल भार्गव भाजपा विधायक दल के नेता हैं। उन्होंने गोपाल भार्गव को अपने सहायक की तरह पास वाली कुर्सी पर बिठा लिया। फिर सत्र शुरू होते ही सदन में भाषण देना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने टोका तो शिवराज सिंह समर्थक विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और इसी हंगामे के बीच उपाध्यक्ष की निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो गई।