होशंगाबाद। कलेक्टर आशीष सक्सेना मध्यप्रदेश के सबसे चर्चित कलेक्टर बन गए हैं। न्याय की तलाश में आने वाले पीड़ितों के साथ उनके संवाद अपने आप में यूनीक हैं। दिसम्बर में आशीष सक्सेना कलेक्टर से कथावाचक बन गए थे। जनवरी में पीड़ितों को मिठाई खिलाते नजर आए। खबर का मसाला यह है कि कलेक्टर आशीष सक्सेना पीड़ितों की समस्याएं सुनने और उनका निराकरण करने के बजाए केवल इस बात पर ध्यान दे रहे थे कि लोग मुंह मीठा कर रहे हैं या नहीं।
अशोका गार्डन भोपाल के राकेश बैरागी मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने कलेक्टर को बताया 5 मई 2015 को उनके पिता ब्रजमोहन बैरागी, गुलाब बैरागी व बहन भारती ने तत्कालीन टीआई और दो सिपाहियों की प्रताड़ना से तंग आकर सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली थी।लेकिन पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कलेक्टर आशीष सक्सेना ने शिकायत अनसुनी कर मुस्कुराकर मिठाई खाने को कहा। इससे बैरागी नाराज हो गए। बोले- मेरा परिवार उजड़ गया, आप मुंह मीठा करने की बात कह रहे हैं।
दिसम्बर में कलेक्टर आशीष कथावाचक बन गए थे
होशंगाबाद के नए कलेक्टर आशीष सक्सेना ने दिसम्बर में जिला अस्पताल और मंडी का दौरा किया। उम्मीद थी यहां के बदतर हालात देखकर कलेक्टर नाराज होंगे को सिस्टम को सुधारने के लिए कड़े निर्देश देंगे परंतु हुआ कुछ उल्टा ही। जिला अस्पताल का निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को देख 11 दिन से परेशान डूडूगांव के आनंद बकोरिया डॉक्टरों की लापरवाही सुनाने नवजात बच्चे को लेकर खड़ा हो गए। आनंद ने बताया 11 दिन पहले पत्नी दुर्गेश नंदनी का सीजर ऑपरेशन हुआ। डॉक्टरों ने ऐसे टांके लगाए कि पस पड़ गया है। बार-बार बताने के बाद भी सही इलाज नहीं मिल रहा है। पीड़ित की आपबीती सुन कलेक्टर आशीष सक्सेना डॉक्टरों फटकार लगाने के बजाए साधू सन्यासियों की तरह प्रवचन देना शुरू कर दिया। सक्सेना बोले- करने वाला तो भगवान है। हम सब तो केवल माध्यम हैं। डॉक्टर साहब को बता दिया है इलाज हो जाएगा। इतना कहकर कलेक्टर आगे बढ़ गए।