भोपाल। राजस्व विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगने लगे हैं। मध्यप्रदेश में 1400 पटवारी पद रिक्त हैं, इससे ज्यादा व्यापमं परीक्षा पास उम्मीदवार वेटिंग लिस्ट में हैं परंतु विभागीय अधिकारी काउंसलिंग नहीं करा रहे हैं। सामान्यत: सरकारी फाइलें रिश्वत के लिए ही अटकाई जातीं हैं तो क्या वेटिंग उम्मीदवारों की काउंसिलिंग भी इसलिए नहीं कराई जा रही है क्योंकि वो एकजुट होकर मुंहमांगी रिश्वत देने को तैयार नहीं है।
पटवारी चयन परीक्षा दिसंबर 2017 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने कराई थी। उसका परिणाम आने के बाद मेरिट में आए उम्मीदवारों को पहले चरण की काउंसलिंग में बुलाया गया। इस काउंसलिंग के बाद भी करीब 1400 पद खाली रह गए। इन पदों के लिए दोबारा काउंसलिंग होना थी। लेकिन अब तक नहीं हुई। इस कारण प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों को आशंका है कि अगर जल्द उन्हें अवसर नहीं दिया तो डेढ़ साल बाद स्वत: ही मेरिट लिस्ट समाप्त हो जाएगी। फिर उन्हें नए सिरे से तैयारी कर पुन: परीक्षा देनी होगी। उनका तर्क है कि जब पद खाली हैं और प्रतीक्षा सूची में पर्याप्त बेरोजगार हैं तो उन्हें मौका देना चाहिए।
पहले चरण की काउंसलिंग में चयनित 7835 उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद दूसरे चरण की काउंसलिंग कर उम्मीदवारों को ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। फरवरी माह में दूसरे चरण की काउंसलिंग के बाद चयनितों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सभी प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवार