भोपाल। मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल ने दिनांक 25 अक्टूबर 2017 द्वारा प्रदेश के सहायक शिक्षकों/शिक्षकों के लिए 30 वर्ष सेवाकाल पर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान स्वीकृत किया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि उक्त आदेश के पालन में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों ने आदेश जारी कर शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान में नियमित कर दिया या किया जा रहा है।
द्वितीय क्रमोन्नति के समय शैक्षणिक योग्यता का मामला आने पर तात्कालिक आयुक्त श्री डीपी दुबे लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश दिनांक 04/04/2002 में स्पष्ट कर दिया था कि क्रमोन्नति वेतनमान में योग्यता बंधनकारी नहीं है। उक्त आदेश को अतिक्रमित करते हुए संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन उज्जैन ने दिनांक 18 जनवरी 2019 को षड्यंत्र पूर्वक संयुक्त संचालक लोकशिक्षण उज्जैन को आदेश जारी कर विभिन्न आदेशों की मनमानी व्याख्या कर तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य मानते हुए तृतीय क्रमोन्नति से संभाग के शिक्षकों को वंचित किया जा रहा है।
सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के वेतननिर्धारण लंबित रख रखे है। सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की फाइलें इसी आधार पर लंबित रखी जा रही है। लगभग 19 वर्ष पूर्व द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान के समय आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि क्रमोन्न्नत वेतनमान के लिए योग्यता बंधनकारी नहीं है। लगता है लोकसभा निर्वाचन से पूर्व जानबूझकर शासन के खिलाफ षड्यंत्र पूर्वक शिक्षकों को आक्रोशित कर भड़काने व उकसावे की कार्रवाई कर सरकार को बदनाम करने व भ्रष्टाचार का कुत्सित प्रयास है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ एवं डाॅ प्रभुराम चौधरी स्कूल मंत्री शिक्षा विभाग तत्काल हस्तक्षेप कर शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान में अवरोध को समाप्त करने की विशेष पहल की जावे। इससे प्रदेशभर के शिक्षको में गहरी नाराजगी व्याप्त है।