भोपाल। गृह मंत्री बाला बच्चन ने संकेत दिए हैं कि व्यापमं घोटाला की जांच के दौरान भाजपा नेताओं और शिवराज सिंह सरकार से जुड़े हुए कद्दावर लोगों को बचाने की कोशिश करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी जिन्होंने दिग्विजय सिंह की शिकायत को झूठा प्रमाणित करने की कोशिश की थी। इस लिस्ट में एसटीएफ के तत्कालीन एडिशनल एसपी कमल मौर्य सबसे पहला नाम है।
व्यापम घोटाले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने प्रेस कॉंफ्रेस करके शिवराज सिंह पर व्यापम घोटाले में शामिल होने और इंदौर थान में व्यापमं से जुड़ी एक्सल शीट में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। दिग्विजय सिंह के आरोप थे कि सिस्टम एनालिस्ट नितिम महेंद्र के कंप्यूटर से जब्त की गई हार्ड डिस्क से तैयार की गई एक्सल शीट में छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा था कि जहां-जहां शिवराज का नाम जुड़ा था, वहां-वहां उमा भारती का नाम डाल दिया गया था।
ये अफसर हैं निशाने पर
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इंदौर क्राइम ब्रांच के तत्कालीन आईज विपिन माहेश्वरी और तत्कालीन एएसपी दिलीप सोनी पर एक्सेल सीट में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा एसटीएफ के एडीजी सुधीर शाही, एएसपी आशीष खरे, एसपी राजेश सिंह चंदेल, डीएसपी पीके तिवारी, डीएसपी गुलाब सिंह राजपूत और डीएसपी अंतर सिंह ने इस मामले की जांच की थी, जिन पर कार्रवाई के संकेत गृहमंत्री बाला बच्चन ने दिए हैं।
पहले एक्सेल शीट में छेड़छाड़ की, फिर दिग्विजय सिंह को झूठा बताया
बाला बच्चन ने व्यापम केस से जुड़े अफसरों के ट्रांसफर नहीं, बल्कि उन पर कार्रवाई करने की बात कही है। पहले ही एसटीएफ के तत्कालीन एडिशनल एसपी कमल मौर्य को मैदानी पोस्टिंग से हटाया गया है। इंदौर के दो तत्कालीन अफसरों ने एक्सेल शीट में छेड़छाड़ और एसटीएफ के तत्तकालीन अफसरों पर मामले में सिर्फ लीपापोली करने का आरोप है। अब आग बाकी अधिकारियों की मुसीबतें इस मामले में सरकार बढ़ा सकती है।