भोपाल। 'सूर्य नमस्कार' को माध्यम बनाकर पूरे देश में हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी के चेहरे पर लगा एक और मुखौटा उतर गया है। मध्यप्रदेश में भाजपा जब तक सत्ता में रही 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन ना केवल धूमधाम से मनाया बल्कि जोरशोर से 'सूर्य नमस्कार' भी किया लेकिन अब जबकि भाजपा सत्ता में नहीं है तो उसने 12 जनवरी को 'सूर्य नमस्कार' ही नहीं किया।
सरकारी कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए
पूरे प्रदेश में कहीं से कोई खबर नहीं आई कि एक भी प्रतिष्ठित भाजपा नेता किसी सरकारी कार्यक्रम में शामिल होकर 'सूर्य नमस्कार' कर रहा हो। हां, दिल्ली में शिवराज सिंह चौहान भाजपा विधायकों को लेकर राष्ट्रपति से मिलने गए। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय ने अंडरवर्ल्ड डॉन की तरह बयान दिया। 'जिस दिन इशारा हो जाएगा, गिरा डालेंगे।'
भाजपा ने कोई आयोजन नहीं किया
भगवा और भगवान के लिए प्राणों की आहूतियां देने का दम तो भाजपा नेता हर मंच पर भरते हैं परंतु 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर भाजपा ने कोई आयोजन ही नहीं किया। यदि सरकारी कार्यक्रमों में शामिल नहीं होना था तो कम से कम प्रदेश कार्यालय में ही 'सूर्य नमस्कार' किया जा सकता था परंतु भाजपा ने ऐसा भी नहीं किया। सत्ता नहीं तो 'सूर्य नमस्कार' भी नहीं।