इंदौर। कैलाश विजयवर्गीय अब तक कहने को तो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं परंतु मध्यप्रदेश राज्य की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय रहते हैं। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय सारे काम छोड़कर भोपाल पहुंच गए थे। कैलाश विजयवर्गीय का नाम कभी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तो कभी सीएम पद के दावेदारों में भी दर्ज होता रहता है परंतु अब एक नया मोड़ आया है। विधानसभा चुनाव में अपना टिकट अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को देने के बाद अब कैलाश विजयवर्गीय लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
सरकार गिराने के सवाल पर चुप रह गए कैलाश विजयवर्गीय
रविवार को इंदौर में मीड़िया के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा महासचिव ने कहा कि यदि पार्टी उन्हें आदेशित करेगी तो वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, फिलहाल वे पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत के लिए कार्य कर रहे है। कैलाश विजयवर्गीय ने आज यहां साइकिल भी चलाई। कुछ दिनों पहले उन्होंने बयान दिया था कि यदि बॉस का इशारा मिल जाए तो वह मप्र की कांग्रेस सरकार को दो दिन में गिरा देंगे। रविवार को इंदौर में इस बयान के संबंध में पूछे गए सवाल पर विजयवर्गीय ने चुप्पी साध ली। विजयवर्गीय ने कहा कि इस बयान पर वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, जो भी होगा वह सबके सामने आ जाएगा। बॉस कौन है इस सवाल पर भी विजयवर्गीय चुप्पी साध गए।
क्या ताई को खो करने के मूड में हैं कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा में इंदौर लोकसभा सीट सुमित्रा महाजन की सीट है। उन्होंने भी अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था पंरतु तब उनसे कहा गया था कि यदि बेटे को टिकट दिलाया तो लोकसभा का टिकट कट जाएगा। इसके बाद ताई चुप हो गईं। सवाल यह है कि क्या कैलाश विजयवर्गीय अब ताई को खो करने के मूड में हैं या फिर कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया को घेरने की रणनीति में शिवराज सिंह के बाद वो अपना नाम शामिल करना चाहते हैं।