भोपाल। आरएसएस कार्यकर्ताओं का अड्डा बन चुके माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने ने इस्तीफा दे दिया है। उपासने को संघ और बीजेपी के नजदीकी कहा जाता था। हालांकि अभी भी 1 दर्जन से ज्यादा पदाधिकारी ऐसे हैं जो कांग्रेस के निशाने पर हैं।
जन अभियान परिषद के बाद सरकार ने माखनलाल यूनिवर्सिटी पर काम करना शुरू कर दिया था। सत्ता परिवर्तन के बाद सामान्यत: सत्ता से संपर्क के कारण लाभान्वित होने वाले पदाधिकारी इस्तीफा देकर चले जाते हैं परंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ। कमलनाथ सरकार चुन चुनकर इस तरह के पदाधिकारियों को हटा रही है।
जन अभियान परिषद के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी को आरएसएस का अड्डा कहा जाने लगा था। यहां ज्यादातर नियुक्तियां आरएसएस से जुड़े लोगों या उनके परिजनों की हुईं हैं। हालात यह थे कि माखनलाल यूनिवर्सिटी परिसर में भाजपा के लिए रणनीतियां तैयार की जातीं थीं। विद्यार्थियों का उपयोग भाजपा के लिए किया जाता था। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऐसे कई आरोप लगा चुकी है।