भोपाल। प्रदेश सरकार यदि किसानों उनकी उपज का वाजिब मूल्य देने से बचती है और भावांतर योजना को येन-केन-प्रकारेण बंद करती है, तो यह त्रासद होगा और ऐसे में किसानों को उनकी राशि का भुगतान कराने के लिए मुझे आंदोलन पर बाध्य होना पड़ेगा। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे पत्र में कही। उन्होंने कहा कि किसान भाई-बहनों को उनका अधिकार दिलाने यदि मुझे सरकार के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करना पड़ा, तो मैं वो भी करूंगा।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई भावांतर योजना को बंद करना चाहती है, इस आशय के समाचार सोमवार को कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं। इन समाचारों में प्रदेश के कृषि मंत्री के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवराजसिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को ही पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से भावांतर योजना को जारी रखने का आग्रह किया है।
वाजिब मूल्य देने से बच रही सरकार
श्री चौहान ने पत्र में कहा है कि भावांतर योजना के तहत तत्कालीन सरकार ने यह निर्णय लिया था कि किसानों को सोयाबीन पर 500 रुपए एवं मक्का पर 500 रुपए प्रति क्विंटल फ्लैट भुगतान किया जाएगा। गेहूं 2100 रुपए एवं धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का निर्णय भी लिया था। इसके अलावा उड़द एवं मूंग पर फ्लैट रेट से भुगतान का निर्णय लिया था। सरकार द्वारा भावांतर योजना बंद करने के निर्णय से यह स्पष्ट है कि सरकार सोयाबीन, मक्का, गेंहूं, धान, उड़द, मूंग आदि फसलों के लिए किसानों को भावांतर योजना के अनुसार भुगतान करने से बचना चाहती है और न ही सरकार इन्हें तय मूल्य पर खरीदने की मंशा रखती है।
किसानों को भुगतान सरकार की जिम्मेदारी
श्री चौहान ने पत्र में लिखा है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करना और उसके अनुसार किसानों को राशि का भुगतान करना सरकार का दायित्व है। इसलिए आपसे आग्रह है कि पूर्ववर्ती सरकार के निर्णयों के अनुसार किसानों को उनकी उपज का भुगतान तत्काल किया जाए, ताकि उनके हितों का संरक्षण हो सके। ऐसा न किये जाने पर श्री चौहान ने सड़कों पर संघर्ष करने की चेतावनी भी दी है।