नई दिल्ली। प्रदेश सरकार ने एक ऐसी योजना की शुरूआत की है जिसके चलते हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी ताकि वो परिवार कम से कम मध्यमवर्गीय जीवन बिता सके। इस योजना का नाम 'एक परिवार, एक नौकरी' दिया गया है।
'एक परिवार, एक नौकरी' योजना को लागू करने वाले राज्य का नाम है सिक्किम। यह देश का पहला राज्य है जहां ऐसी योजना शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने इस योजना को शुरू किया है। इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनके परिवार से एक भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। साथ ही चामलिंग ने कृषि क्षेत्र के लोगों के लोन माफी की घोषणा भी की है।
चामलिंग ने पलजोर स्टेडियम में आयोजित रोजगार मेला-2019 के दौरान इस योजना का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने राज्य के 32 विधानसभा क्षेत्रों से दो-दो लोगों को खुद अस्थायी नियुक्ति पत्र भी दिया। वहीं इस दौरान कुल 11,772 लोगों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए। बता दें कि चामलिंग आजाद भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले शख्स हैं।
इससे पहले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार ने इस योजना के तहत 20,000 युवाओं को तुरंत अस्थायी नौकरी देने की घोषणा की थी और अब उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं। वहीं चामलिंग का कहना है कि जल्द ही अन्य परिवारों के सदस्यों को भी दस्तावेज दे दिए जाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि इन अस्थायी नियुक्तियों को अगले पांच साल में नियमित कर दिया जाएगा और सभी लाभार्थी स्थायी कर्मचारी बन जाएंगे।
गौरतलब है कि 12 सरकारी विभागों के ग्रुप सी और ग्रुप डी में नई भर्तियां की जा रही हैं। साथ ही नौकरियों के पदों के बारे में जानकारी देते हुए चामलिंग ने कहा, 'हम चौकीदार (गार्ड), माली, अस्पतालों में वार्ड अटेंडेंट, अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं, ग्राम पुलिस गार्ड और सहायक ग्राम पुस्तकालयाध्यक्ष सहित 26 विभिन्न पदों के लिए नियुक्तियां दे रहे हैं।'
चामलिंग का कहना है कि यह हमारे लिए बहुत गर्व और हमारे राज्य के युवाओं के लिए खुशी का एक अवसर है। वहीं विपक्ष पर निशाना साधते हुए चामलिंग ने उन्हें विभाजनकारी करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के साथ उनसे लड़ेगी।