भोपाल। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि वो व्यापमं जिसे अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी पीईबी कहते हैं, बंद कर देंगे। कमलनाथ सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बयान दिया है कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। बता दें कि व्यापमं घोटाला उजागर होने के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल का नाम भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड किया था।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि सरकार तो नाम बदलने का काम हर योजना या संस्थानों के साथ करेगी, इससे कुछ ज्यादा नहीं हासिल होना है। अहमद की टोपी मोहम्मद के सर और मोहम्मद की टोपी अहमद के सर रखने का काम जितने समय इस सरकार को रहना है, उतने समय करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि नाम बदले से कोई फर्क नहीं पड़ता है। संस्था कोई भी गड़बड़ी होती रहती है, सुधार की गुजांइश बनी रहती है, उसी में सुधार करना चाहिए। बोर्ड का नाम बदलने से कार्यपद्धति नहीं बदल जाएगी।
मैं बताता हूं, भाजपा क्यों तड़प रही है
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को जवाब देते हुए पत्रकार ललित मुदगल ने पूछा है कि देश में सबसे ज्यादा नाम बदलने का काम किसने किया। व्यापमं का नाम किसने बोला। तब गोपाल भार्गव चुप क्यों थे। श्री मुदगल ने बताया कि इस बार केवल नाम नहीं बदला जा रहा बल्कि कर्मचारी चयन आयोग का गठन किया जा रहा है। इसकी कार्यपद्धति व्यापमं या पीईबी से अलग होगी। दरअसल, भाजपा को डर है कि ऐसा हो जाने के बाद घोटाले की गुंजाइश नहीं रहेगी क्योंकि वो आज भी सपना देख रहे हैं कि उनकी सरकार आएगी।