भोपाल। सीएम कमलनाथ ने 'मुख्यमंत्री किसान कर्ज माफी योजना' का नाम बदल दिया है। अब यह योजना 'जय किसान कर्ज माफी योजना' के नाम से जारी जाएगी। सीएम कमलनाथ आज इस योजना की शुरूआत कर रहे थे। इसका लाभ प्रदेश के 55 लाख किसानों को मिलेगा। भोपाल के नज़दीक बरखेड़ीकला के एक किसान प्रेमनारायण मारण से पहला फॉर्म भरवाकर योजना की शुरुआत की गयी। सीएम कमलनाथ ने कहा ये योजना किसानों औऱ मध्यप्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
निवेशकों से बात हो गई है, जल्द ही उद्योग आएंगे
सीएम कमलनाथ ने कहा निवेश में हरियाणा, तेलंगाना और बाक़ी राज्यों के मुक़ाबिल एमपी को लाना है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कर्जमाफी एक इन्वेस्टमेंट है। इस योजना से मुख्यमंत्री नाम हटाया गया है औऱ अब ये जय किसान ऋण मुक्ति योजना कहलाएगी। इसमें 18 दिन में किसान और युवाओं के जीवन के बदलाव पर फोकस किया गया है। सीएम ने कहा निवेश को लेकर उद्योगपतियो से चर्चा हुई है। अब प्रदेश में अपनी नीति बनाकर निवेश लाने का काम किया जाएगा। जय किसान ऋण मुक्ति योजना का लाभ प्रदेश के 55 लाख किसानों को मिलेगा। किसानों का 50 हजार करोड़ का कर्जा माफ होगा।
भावांतर योजना के भाग्य का फैसला बाद में करेंगे
सीएम कमलनाथ ने BJP पर तंज कसा कि वो हमें बजट के बारे में ज्ञान ना बांटे। भाजपा मुझे न समझाए कि बजट क्या होता है। सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाने वाले ही मैदान छोड़ कर भाग गए। सीएम ने कहा 5 साल बाद मप्र को हिसाब किताब दूंगा। पीएम मोदी जी को लेकर कहा कि 5 साल का हिसाब किताब जनता को दीजिये। भाजपा को कमलनाथ ने हिदायत दी कि वो अपने घर का ध्यान रखे। हमारी चिंता न करे। कमलानाथ ने कहा भावान्तर योजना में ख़ामियाँ बहुत थीं, उसे दूर करके फिर तय करेंगे कि योजना का क्या करना है।