भोपाल। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से एक भर्ती विज्ञापन की लिंक वायरल हो रही है। संस्था का नाम मध्य प्रदेश सेवा एवं विकास प्राधिकरण बताया गया है और करीब सवा लाख सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती निकलने की बात की जा रही है। सवाल यह है कि क्या यह सीएम कमलनाथ सरकार द्वारा निकाली गईं नौकरियां हैं या फिर जालसाज मौके पर फायदा उठा रहे हैं।
सबसे पहले इन बातों पर ध्यान दें
अधिसूचना जारीकर्ता का नाम: मध्य प्रदेश सेवा एवं विकास प्राधिकरण
भर्ती विज्ञापन के लिए बेवसाइट का यूआरल: mpsvp.org.in
रिक्त पदों की संख्या: लगभग 1.25 लाख
रिक्त पदों के नाम: क्लर्क, सहायक क्लर्क, मल्टी टास्किंग क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर
बताया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के कुछ अखबारों में यह विज्ञापन भी जारी हुआ है।
भोपाल समाचार की पड़ताल और पूरा सच
भोपाल समाचार डॉट कॉम हमेशा ही अपने पाठकों को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए तत्पर रहता है और उन्हे ठगों से बचने के लिए सबसे तेज अपडेट देता है।
मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में शासन से संबद्ध संस्थाओं में 'मध्य प्रदेश सेवा एवं विकास प्राधिकरण' नाम की कोई संस्थान नहीं है।
मध्य प्रदेश सेवा एवं विकास प्राधिकरण पूरी तरह से फर्जी है।
ठगों ने संस्था का नाम बड़ी चतुराई से इस तरह का लिखा है कि वो सरकारी लगे।
बेवसाइट का रजिस्ट्रार यूआरएल org.in है, यह एक प्राइवेट डोमेन है। सरकार डोमेन .gov.in पर जाकर खत्म होते हैं।
कृपया हमेशा याद रखें, सरकारी संस्थाओं की बेवसाइट का यूआरएल एड्रेस हमेशा https से शुरू होता है और .gov.in पर जाकर खत्म होता है।
http और https में सिर्फ एक ही अंतर होता है। यूआरएल की शुरूआत यदि https से हो रही है तो इसका अर्थ है कि यह बेवसाइट तकनीकी रूप से आपके कम्प्यूटर या मोबाइल के लिए खतरनाक नहीं है लेकिन इसका तात्पर्य यह कतई नहीं होता कि इस बेवसाइट के माध्यम से ठगी या धोखाधड़ी नहीं हो सकती।