उपदेश अवस्थी/भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Ex CM SHIVRAJ SINGH CHOUHAN) ने गुना लोकसभा (GUNA-SHIVPURI LOKSABHA SEAT) से तैयारियां शुरू कर दीं हैं। वो जनता को मूड जांचने के लिए शिवपुरी पहुंचे। शिवपुरी जिले के पिछोर में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लिया। सूत्रों का कहना है कि यह धरना तो बहाना है। शिवराज सिंह गुना लोकसभा में चुनावी तैयारियां कर रहे हैं। फिलहाल यहां से कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (JYOTIRADITYA SCINDIA) सांसद हैं। यदि सबकुछ रणनीति के अनुसार रहा तो शिवराज सिंह लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
किस कार्यक्रम में गए हैं शिवराज सिंह चौहान
पिछोर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी केपी सिंह के खिलाफ भाजपा ने उमा भारती समर्थक प्रीतम सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया था। प्रीतम सिंह लोधी चुनाव हार गए हैं। चुनाव के दौरान और इससे पहले भी प्रीतम सिंह लोधी के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे। पिछले दिनों प्रीतम सिंह लोधी ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपने खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की थी। मांग पूरी ना होने पर वो धरने पर बैठ गए। शिवराज सिंह इसी विरोध प्रदर्शन में प्रीतम सिंह लोधी का समर्थन करने गए हैं।
लोकसभा क्षेत्र का सर्वे कर रहे हैं शिवराज सिंह चौहान
पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र का सर्वे कर रहे हैं। हालांकि पिछोर पहुंचने के लिए वाया झांसी करैरा मार्ग सबसे अच्छा है परंतु शिवराज सिंह ने अशोकनगर होते हुए चंदेरी, बामौरकलां से पिछोर पहुंचने वाला मार्ग चुना। यह सारे क्षेत्र गुना शिवपुरी लोकसभा में आते हैं। पिछोर के बाद वो शिवपुरी विधानसभा भी जाएंगे।
पार्टी चाहती है ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती दी जाए
अमित शाह चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कड़ी चुनौती दी जाए। जयभान सिंह पवैया अब इतिहास में दर्ज 'सूरमा' रह गए हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर छोड़कर भोपाल जाना चाहते हैं। गुना से चुनाव पर वो विचार तक नहीं कर रहे। एक शिवराज सिंह चौहान ही हैं जो मुकाबला कर सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को पिछले दिनों कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तरप्रदेश पश्चिम का प्रभारी बना दिया गया है। शिवराज सिंह को यदि गुना से उतारा गया तो वो ना केवल इस सीट पर सिंधिया को चुनौती देंगे बल्कि यूपी वेस्ट में भी सिंधिया का पीछा करते हुए कांग्रेस को नुक्सान पहुंचा सकते हैं। वैसे भी 'माफ करो महाराज' के डिजाइन अब तक डीलिट नहीं हुए हैं।