भोपाल। मप्र के नव गठित मन्त्रीमण्डल में श्रम मंत्री माननीय श्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने अपने समर्थकों के बीच कहा कि आदेश का पालन नही करेगा उस अधिकारी-कर्मचारी को लात मारकर बाहर निकाल देंगे। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में असंसदीय व अमर्यादित भाषा सभ्य समाज में मान्य नहीं है। हम इसकी भर्त्सना करते है।
केबिनेट मंत्री के पद से इस प्रकार की आपत्ति जनक भाषा से कर्मचारी/अधिकारी सकते में है। कर्मचारी/ अधिकारियों में नारजी व आक्रोश व्याप्त है। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी से निवेदन है कि इस प्रवृत्ति पर नकेल कसें। कर्मचारी/अधिकारी सरकार की रीढ़ होता है। सरकार की सफलता इसी वर्ग के समर्पण से आंकी जाती है। शासन में बैठे माननीयों को ज्ञात होना चाहिए कि बहुमत लायक जीत दर्ज करवाने में इस वर्ग की महती भूमिका रही है। जिस मात्रा में कर्मचारी/अधिकारियों ने डाक मतपत्र (पोस्टल बेलेट) का उपयोग किया उतने ही निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र ( EDC ) से EVM में मतदान करके सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका अदा की है।
कोई अधिकारी/कर्मचारी यदि अपने कर्तव्य पालन में कोताही बरतता है तो उसके लिए सिविल सेवा आचरण नियम बने है जिसके तहत उसे दंडित किया जाता है। कर्मचारी/अधिकारयों को अपमानित व प्रताड़ित करने की लोकतंत्र में किसी को अनुमति नहीं है चाहे वह किसी स्तर या पद पर हो। इतिहास गवाह है कर्मचारी जगत को सहेज कर रखने वाले वर्षो तक सत्ता सुख भोगते है।