नई दिल्ली। राहुल गांधी (RAHUL GANDHI, PRESIDENT OF INC) ने प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर भाजपा की जैसे बोलती ही बंद कर दी। 'नारी शक्ति' का नारा लगाने वाले भाजपा नेता प्रियंका गांधी पर राहुल के जैसे तंज भी नहीं कस सकते। इधर कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पीएम नरेंद्र मोदी (NARENDRA MODI) के खिलाफ वाराणसी से लड़ाने (VARANASI LOKSABHA CANDIDATE) की तैयारी शुरू कर दी है।
जल्द ही कांग्रेस (CONGRESS) का एक दल वाराणसी (VARANASI LOKSABHA SEAT) पहुंचेगा और आम लोगों व कांग्रेस नेताओं के बीच जाकर सर्वे करेगा किम यदि प्रियंका गांधी को यहां से चुनाव मैदान में उतारा जाता है तो जनता का उन्हे किस तरह से लेगी। इसके अलावा वाराणसी में सर्वे के दौरान जनता का मोदी के प्रति मूड भी भांप लिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के सामने सबसे मुश्किल स्थिति तब होगी, जब प्रियंका को विपक्षी पार्टियां समर्थन देने की घोषणा कर दें। यानि सपा, बसपा अघोषित रूप से उनका साथ दे दें।
2014 में वाराणसी सीट पर कुल 10.28 लाख वोटिंग हुई थी। इनमें से 5,16,593 वोट मोदी को मिले थे। यानि 50 फीसदी से भी ज्यादा। लिहाजा, कांग्रेस इतना बड़ा रिस्क उठाएगी, ये कहना मुश्किल है। वहीं, भाजपा इतनी आसानी से हथियार डाल देगी, ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है। पर इतना तय माना जा रहा है कि मोदी गुजरात की किसी भी सीट से चुनाव अवश्य लड़ेंगे।
वाराणसी लोकसभा सीट के इतिहास को देखें, तो 1991 के बाद से 2004 को छोड़ यह सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है। 2009 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल माना गया था, क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी मात्र 17 हज़ार वोटों से जीत पाए थे। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में करीब 3.5 लाख वैश्य, 2.5 लाख ब्राह्मण, 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम, 1.5 लाख भूमिहार, 1 लाख राजपूत, 2 लाख पटेल, 80 हजार चौरसिया को मिलाकर करीब साढ़े तीन लाख ओबीसी वोटर और करीब 1 लाख दलित वोटर हैं।