भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रदेश प्रभारी बनाकर आए कांग्रेस के महासचिव दीपक बावरिया अब कांग्रेस में अकेले पड़ गए। चुनाव के बाद जिलास्तर के नेताओं ने उन पर हमले किए। विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने तो यहां तक कह दिया कि 'बावरिया माहौल खराब करते हैं, वो गुजरात चले जाएं।' अब बावरिया ने तानाशाही छोड़ इमोशन कार्ड खेला है। आज एक सामाजिक कार्यक्रम में बावरिया ने कहा कि 'आरोप लगने से बड़ा आहत हूँ, दुखी हूं, में सच में अहमदाबाद जाना चाहता हूं। मैने कमलनाथ जी से भी अपनी बात कही है।'
सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित ओबीसी सम्मेलन में दीपक बावरिया ने कहा आप लोग क्या मुझे वापस भेजेंगे, मैं खुद ही गुजरात वापस चला जाऊंगा। उन्होंने कहा मेने अपने संस्कार और मूल्यों से कभी समझौता नही किया, मुझ पर इंदौर में दो लोगों ने टिकट बेचनें का आरोप लगाया। एक ने माफी मांग ली है। दूसरे को कोर्ट में ले जाऊंगा। बावरिया ने कहा मुझ पर 4 सीटें हरवाने का भी आरोप लगाया गया। लेकिन प्रत्याशी स्थति साफ कर चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद मैंने गुजरात वापस जाने का अनुरोध किया था लेकिन राहुलजी ने लोकसभा तक मप्र रुकने का कहा है। मैं खुद ही चला जाऊंगा, मुझे लोग वापस क्या भेजेंगे। उन्होंने कहा आरोप लगने से बड़ा आहत हूँ, दुखी हूं, में सच में अहमदाबाद जाना चाहता हूं। मैने कमलनाथ जी से भी अपनी बात कही है।
क्यों विवादित हुए दीपक बावरिया
प्रदेश का प्रभार मिलते ही तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव एवं तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को पीछे कर वो खुद फ्रंट लाइन पर आ गए।
बहुत कम समय में दीपक बावरिया ने मप्र में अपना नया गुट बना लिया। यहां तक कि कई लोगों को टिकट देने का वादा भी कर दिया।
प्रदेश में पार्टी संचालन के नए नियम बनाए। यहां तक कि टिकट के दावेदारों से 50-50 हजार रुपए भी जमा कराए।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के क्षेत्र में जाकर बयान दिया कि मप्र में सीएम पद के दावेदार केवल 2 ही हैं। इस तरह उन्होंने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के क्षेत्र में जाकर जताया कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सीएम पद के दावेदार ही नहीं हैं।
हालात यह बने कि दिग्विजय सिंह तक को दीपक बावरिया के खिलाफ बयान देना पड़ा।
लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले एक बार फिर उन्होंने नया नियम घोषित कर दिया कि विधानसभा हार चुके नेताओं को लोकसभा का टिकट नहीं मिलेगा।
इसी बात से नाराज होकर विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने कहा था कि 'बावरिया माहौल खराब करते हैं, वो गुजरात चले जाएं।'
एक बार फिर उन्होंने एक सामाजिक कार्यक्रम में पार्टी की अंतर्कलह को उजागर कर दिया। दीपक बावरिया ने पार्टी मंच पर अपनी बात नहीं कही।