भोपाल। अंतत: मध्यप्रदेश भाजपा के विधायक दल ने अपने नेता का चुनाव कर ही लिया। गोपाल भार्गव के नाम पर मुहर लगाई गई है। इससे पहले नेताप्रतिपक्ष के लिए नरोत्तम मिश्रा का नाम फाइनल बताया गया था परंतु इसी के साथ गोपाल भार्गव के नाम पर के लिए गोलबंदी भी हो गई थी।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए पूर्व मंत्री विजय शाह का नाम तय करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय लिया है। एक बैठक में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय किया गया। इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भोपाल आए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र सिंह, डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने सिंह का स्वागत किया। इसके बाद राजनाथ सिंह, डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित की गई। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ ही पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और राजेंद्र शुक्ला का नाम भी इस दौड़ में शामिल था।
रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। गोपाल भार्गव के पास विपक्ष में काम करने का अच्छा अनुभव है। दिग्विजय सिंह सरकार में गोपाल भार्गव ने सरकार को कई बार परेशानी में डाल दिया था। विधानसभा में गोपाल भार्गव के नाम की दहशत सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों मेें साफ नजर आती थी। इस नजरिए से देखा जाए तो गोपाल भार्गव इस अखाड़े के सबसे दमदार पहलवान हैं। वो सदन के भीतर अपने पराक्रम से कमलनाथ सरकार को चित तक सकते हैं। गोपाल भार्गव के साथ एक बोनस पाइंट यह भी है कि वो मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित ब्राह्मण नेताओं में से एक हैं और फिलहाल सबसे प्रभावशाली भी हैं।