भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने पीएससी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स को आश्वासन दिया है कि सरकार उनके हितों का संरक्षण करेगी। श्री पटवारी ने कहा कि न्यायालय में लम्बित प्रकरण में राज्य शासन द्वारा सकारात्मक जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जा चुकी है। याचिका में परीक्षा को निरस्त करने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि विभाग में लगभग 5 हजार पद रिक्त हैं। न्यायालय के निर्णय के बाद इन सभी पदों को भरा जायेगा, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। श्री पटवारी ने आश्वस्त किया कि सैद्धांतिक रूप से सरकार शिक्षकों के साथ है। उल्लेखनीय है कि पीएससी चयनित लगभग 1500 से अधिक प्रोफेसर्स ने नियुक्ति न मिलने पर आज यहाँ शांति मार्च निकाल कर उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा है।
असिस्टेंट प्रोफेसर्स का क्या कहना है
हम जून-जुलाई 2018 में आयोजित एमपीपीएससी सहायक प्रोफेसर परीक्षा में चयनित 2536 उम्मीदवार हैं। परीक्षा के परिणाम अगस्त में घोषित किए गए थे और दस्तावेजों के सत्यापन के बारे में सभी औपचारिकताएं सितंबर के महीने में पूरी हो चुकी हैं। बीच में, एमपी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण, हमारे नियुक्ति पत्र रोक दिए गए थे। इस भर्ती में 2536 चयनित उम्मीदवारों में से 1146 (लगभग 45%) अतिथि विद्वान हैं, जिनके पास 10 से 20 वर्ष का अनुभव है। चयन के बाद उनमें से कुछ ने अपनी पिछली नौकरी छोड़ दी और अब बेरोजगार हैं। अब नई सरकार का गठन किया गया है और उच्च शिक्षा मंत्री ने भी अपना कार्यभार संभाल लिया है लेकिन हमारी ज्वाइनिंग नहीं हुई है।