भोपाल। कोलार रोड को सिक्सलेन करने का प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने के आसार नहीं है। रोड की डीपीआर ( DPR ) बनाने वाले मप्र राेड डेवलमेंट कार्पोरेशन ( MPRDC ) ने रोड बनाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कहा जा रहा है कि रोड का निर्माण PWD करेगा लेकिन, PWD के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है।
कोलार रोड 19 मीटर चौड़ी है, जिसे बढ़ाकर 45 मीटर किया जाना है। फिलहाल यहां हर रोज कई बार ट्रैफिक जाम होता है। इलाके की करीब तीन लाख की आबादी को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए 2016 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 200 करोड़ की लागत से रोड को सिक्सलेन करने की घोषणा की थी। इसके बाद सक्रिय हुए एमपीआरडीसी ने करीब दो साल की मशक्कत के बाद DPR तैयार की। 4 महीने पहले तैयार हो चुकी डीपीआर के आधार पर प्रोजेक्ट मार्च 2019 में शुरू होना था लेकिन, अब एमपीआरडीसी रोड पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जाने की बात कह रहा है। जबकि, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इस संबंध में कुछ पता ही नहीं है।
कोलार की बड़ी समस्याओं में से मुख्य है मेन रोड पर दिनभर लगने वाला ट्रैफिक जाम लेकिन एजेंसियों की लापरवाही से लोगों को समस्या से जल्द निजात की उम्मीद भी नहीं है। दरअसल सड़क के सिक्सलेन प्रोजेक्ट की डीपीआर चार महीने से तैयार है लेकिन अब तक निर्माण एजेंसी ही तय नहीं हुई है। एमीपीआरडीसी व पीडब्ल्यूडी के अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
पीक ऑवर्स में 6-7 स्थानों पर रोजाना जाम
कोलार रोड पर सुबह 9 से 11 और शाम 5 से रात 8 बजे तक 6-7 स्थानों पर बार-बार जाम लगता है। खासकर चूनाभट्टी चौराहा, सर्वधर्म पुल, मंदाकिनी चौराहा, बीमाकुंज, सीआई हाइट्स, ललिता नगर और गेहूंखेड़ा की नहर पर दिन में कई बार जाम के हालात बनते हैं। पीक ऑवर्स में चूनाभट्टी से गेहूंखेड़ा नहर तक 6 किमी का रास्ता तय करने में 20 मिनट तक लग जाते हैं।