मोदी जी क्या अच्छे दिन आए हैं, लिखकर प्रशिक्षित महिला फांसी पर झूल गई | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
आगरा। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार अपने भाषणों में कह रहे हैं कि उनके कार्यकाल में कितने बेरोजगारों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया। इसी से जुड़ा यह मामला सामने आया है। एक महिला ने फांसी पर झूलकर सुसाइड कर लिया। उसने 800 रुपए फीस चुकाकर प्रशिक्षण लिया था परंतु लोन नहीं मिला। बड़ी मुश्किल से लोन मिला और किस्त चूक गई तो अधिकारी दुकान की कुर्की की धमकी देने लगे। 

मामला आगरा के ताजगंज क्षेत्र का है। आत्मघाती कदम उठाने से पहले उसने चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। महिला ने लिखा है कि मोदी जी क्या अच्छे दिन आए हैं। लोन लेने के लिए हम जैसे लोगों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। आपने ट्रेनिंग सेंटर खोले। मैंने भी खंदौली से 800 रुपये देकर ट्रेनिंग ली थी। कोर्स के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे लोन मिल जाएगा, लेकिन वहां से कुछ भी नहीं हुआ। हम जैसे लोगों को कोई लोन नहीं देता है। अब जाकर जैसे तैसे लोन मिला। दुकान खोली तो अपने आ गए छीनने के लिए। 

मोदी के अलावा माता-पिता, भाई, बहन, देवर और देवरानी भी जिम्मेदार
ताजगंज के गांव-गांव धांधूपुरा निवासी महिला शशि ने शनिवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार सुबह परिजनों ने उसका शव घर की रसोई में फांसी फंदे से लटका देखा तो परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस को घर में चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। इसमें शशि ने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने माता-पिता, भाई, बहन, देवर और देवरानी को ठहराया है। थाना प्रभारी ने बताया कि आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

परिवार में भाई से भी हुआ था विवाद
सदर क्षेत्र के सेवला निवासी शशि पुत्री अजेंद्र की शादी 19 साल पहले गांव धांधूपुरा निवासी वीरेंद्र पुत्र लक्ष्मण सिंह से हुई थी। उनके दो बच्चे 16 साल का अमन और 14 साल की उन्नति है। वीरेंद्र ने बताया कि उसके छोटे भाई जितेंद्र की शादी भी शशि की बहन राजकुमारी से हुई थी। चार महीने पहले शशि के भाई योगेश ने 65 हजार रुपये कीमत का मोबाइल लोन पर खरीदा था। 

लोन शशि के पति वीरेंद्र के नाम पर था। उन्हें ब्याज सहित 80 हजार रुपये हर महीने 3300 रुपये की ईएमआई देकर चुकाने थे। बहन से योगेश ने कहा था कि वो समय पर ईएमआई अदा कर देगा। दो महीने तो उसने ईएमआई अदा की। इसके बाद ईएमआई अदा नहीं की। फाइनेंस कंपनी से फोन आने पर वीरेंद्र को पता चला। इस पर योगेश से बात की। पहले तो वह आनाकानी करने लगा। 

शनिवार शाम को शशि ने उससे फोन पर बात की। शशि से योगेश ने लोन अदा करने से इंकार कर दिया। इससे शशि तनाव में आ गई। शनिवार रात को घर की किचिन में पंखे पर दुपट्टे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। रविवार सुबह छह बजे वीरेंद्र जागा तो पत्नी को फांसी पर लटका देखा। मरने से पहले शशि ने चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। इसमें जो बातें उसने लिखी हैं, उसे पढ़कर हर किसी की आंखों में आंसू आ जाएंगे। 

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