नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2019 से भौतिक और रासायनिक विज्ञान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणितीय विज्ञान, कृषि विज्ञान, जीव विज्ञान, फार्मेसी आदि किसी भी क्षेत्र में दाखिला लेने वाले पीएचडी छात्रों और अन्य अनुसंधान कर्मियों की फेलोशिप बढ़ाई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में काम कर रहे पीएचडी विद्वान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा, शैक्षणिक जीवंतता और प्रौद्योगिकी नेतृत्व वाले नवाचारों के लिए देश के ज्ञान के आधार में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।
फेलोशिप में की गई इस बढ़ोतरी से 60,000 से भी अधिक रिसर्च फेलो को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। जूनियर रिसर्च फेलोशिप पीएचडी कार्यक्रम में पहले दो वर्षों के लिए वर्तमान दर 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। इसी प्रकार पीएचडी सीनियर रिसर्च फेलो 28,000 रुपये की जगह 35,000 रुपये प्रति माह प्राप्त करेंगे। वरिष्ठ अनुसंधान एसोसिएट्स के लिए 54,000 रुपये प्रति माह निर्धारित किए गए हैं। सभी रिसर्च फेलो को केन्द्र सरकार के मानदंडों के अनुसार मकान किराया भत्ता भी मिलेगा।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह सशक्तिकरण तंत्र समान रूप से फेलोशिप देने वाले देश के सभी मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों, शैक्षणिक एवं सरकारी अनुसंधान विकास संगठनों पर समान रूप से लागू होगा। सरकार ने पहली बार मजबूत वित्तीय और शैक्षिक प्रोत्साहन की सिफारिश की है, ताकि हमारे रिसर्च फेलो के कार्य प्रदर्शन में बढ़ोतरी हो और उसे मान्यता मिले।