भोपाल। नरेंद्र मोदी सरकार के दमदार मंत्री, क्षत्रीय समाज के गौरव, भाजपा के कद्दावर नेता, मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे ग्वालियर सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर अब अपनी सीट छोड़कर भागने की तैयारी कर रहे है। ग्वालियर शहर इस तरह की एक और घटना का साक्षी रहा है।
Narendra Singh Tomar की भोपाल और विदिशा पर नजर
भाजपा के अलावा दूसरे कई विश्वस्नीय सूत्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि नरेंद्र सिंह तोमर हर हाल में ग्वालियर सीट छोड़कर नई सीट से लड़ने का मन बना चुके हैं। इसके लिए उन्होंने भोपाल और विदिशा को चुना है। बता दें कि विदिशा, भाजपा की परंपरागत सीट है। यहां से अटल बिहारी वाजपेयी, शिवराज सिंह चौहान और सुषमा स्वराज लोकसभा का चुनाव जीतते रहे हैं। सुषमा स्वराज ने 2019 का चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर दिया है अत: यह सीट खाली है। जहां तक भोपाल की बात है तो सांसद आलोक संजर 2014 में भाजपा के एक्सीडेंटल उम्मीदवार थे। वो तो दावेदारों में भी शामिल नहीं थे। नरेंद्र सिंह तोमर की भविष्य की योजनाएं भी इस सीट से पूरी हो सकतीं हैं।
लेकिन सीट छोड़कर भाग क्यों रहे हैं Narendra Singh Tomar
भाजपा सूत्रों का कहना है कि सांसद नरेंद्र सिंह तोमर एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ लामबंद हुए सवर्ण समाज से घबरा गए हैं। उन्हे मालूम है कि सवर्ण समाज इस बार उन्हे वोट नहीं करेगा जबकि नरेंद्र सिंह तोमर खुद क्षत्रिय यानी सवर्ण समाज के नेता हैं। ग्वालियर के प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले 10 साल में ग्वालियर संभाग भर में अपना अलग ही दबदबा बना रखा था। हालात यह थे कि एसपी अपने अधीनस्थ टीआई का लाइन हाजिर करने से पहले भी नरेंद्र सिंह तोमर से अनापत्ति लेते थे। इसके कारण कर्मचारियों में और आम जनता में उनका भारी विरोध है जो विधानसभा चुनाव में नजर भी आ चुका है।