भोपाल। जयभान सिंह पवैया यानी सिंधिया विरोधी नेता। एक जमाना हुआ करता था जब जयभान सिंह पवैया को हिंदूवादी नेता माना जाता था लेकिन पिछले 2 दशक से पवैया की राजनीति केवल सिंधिया विरोध पर ही जिंदा है। सिंधिया परिवार अक्सर पवैया को नजर अंदाज करता रहा परंतु इस बार यशोधरा राजे सिंधिया ने उनके ही शब्दों में उन्हे जवाब दिया और पवैया को उनके पूर्वज याद दिला दिए।
RSS के कुछ पुराने नेता पवैया को आज भी हिंदुओं का नेता मानते हैं। इसी के चलते जयभान सिंह पवैया को लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली का प्रभारी बनाया गया है। पिछले दिनों पवैया ने एक बार फिर सिंधिया विरोधी बयान दे डाला। अब तक यशोधरा राजे इस मामले को पार्टी मंच पर उठाती रहीं हैं परंतु इस बार उन्होंने पवैया को उन्हीं के शब्दों में जवाब दिया। यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि 'पवैया के पूर्वजों ने अगर पानीपत की लड़ाई लड़ी होती तो वे ऐसा नहीं कहते।'
विधानसभा चुनाव ( VIDHAN SABHA ELECTION ) तक हर गए पवैया
मध्यप्रदेश की राजनीति के इतिहास में दर्ज उस अध्याय को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा जब जयभान सिंह पवैया के कारण कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. माधवराव सिंधिया को अपनी ग्वालियर लोकसभा सीट छोड़कर जाना पड़ा था परंतु वही जयभान सिंह पवैया की हालत यह है कि उसी ग्वालियर शहर की एक अदद विधानसभा सीट पर भी वो अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाए। 2018 चुनाव में पवैया को उनकी जिंदगी की सबसे शर्मनाक हार मिली है।