अब्दुल वसीम अन्सारी/राजगढ़। राजगढ़ के जिला चिकित्सालय में नए साल 2019 की शुरुआत ही मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना से हुई है। एक गर्भवती महिला के गर्भस्थ शिशु का वजन ज्यादा बताकर उसे ब्यावरा से राजगढ़ अस्पताल रेफर किया गया। यहां सुरक्षित प्रसव के लिए 4000 रुपए वसूल लिए गए और फिर 3 घंटे बाद बता दिया गया कि गर्भस्थ शिशु की मृत्यु हो चुकी है। परिजनों का कहना है कि अस्पताल वालों ने रिश्वत के लालच में मृत गर्भस्थ शिशु को जिंदा बताया और सारा तमाशा किया। इसकी शिकायत स्थानीय विधायक से की गई है।
ब्यावरा निवासी संजू जाटव ने बताया कि उसकी पत्नी राधा जाटव के बच्चे का वजन ज्यादा होने के कारण ब्यावरा के सिविल अस्पताल से राजगढ़ के जिला चिकित्सालय में रेफेर किया गया। राजगढ़ के जिला चिकित्सालय में शाम को 4 से 5 बजे के बीच भर्ती कराया गया। जहां प्रसूता दर्द से कराहती रही लेकिन मौजूद स्टाफ में किसी ने भी एक न सुनी। संजू जाटव की शिकायत है कि मौजूद स्टाफ ने डिलीवरी करवाने और जच्चा बच्चा दोनों को सुरक्षित रखने को लेकर प्रसूता के परिजनों से रिश्वत की मांग की। प्रसूता को तड़पता देख परिजन पैसे देने को तैयार हो गए। स्टॉफ ने मृत नवजात के दिल की धड़कन को चालू बताकर एसएनसीयू में भर्ती करवाया। जहां 3 घंटे तक रखा गया उसके बाद मृत घोषित किया गया। संजू जाटव का आरोप है कि उनकी पत्नी राधा बाई जाटव को जिस शासकीय एम्बुलेंस से वो ब्यावरा लेकर आये उसने भी उनसे 200 रुपये लिए।
विधायक से की शिकायत
आज सुबह जब कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर नव वर्ष के उपलक्ष्य में मरीजों को फल वितरित करने जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में पहुँचे तो मृत नवजात शिशु की दादी गेंदी बाई के सब्र का बांध टूट गया, उन्होंने कांग्रेस विधायक के सामने ही अस्पताल प्रबन्धन की लापरवाही और डिलीवरी के समय की गई पैसों की गई मांग को विधायक के सामने रख दिया।
विधायक ने क्या किया
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर अस्पताल प्रबन्धन कि लापरवाही से असंतुष्ट नजर आए के उन्होंने सीएमएचओ से कहा कि यदि जल्द ही व्यवस्था नही सुधरी तो में यहीं सोने लग जाऊंगा लेकिन उन्होंने पीड़ितों को कानूनी कार्रवाई के लिए कोई मार्गदर्शन नहीं दिया।
डॉ विजय सिंह सीएमएचओ जिला चिकित्सालय राजगढ़ का बयान
वर्शन: आज विधायक महोदय के सामने ही यह बात सामने आई है। यह एक बहुत लापरवाही का मामला है। यदि इसमे ऐसा किया गया है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में सीएमएचओ ने लिखित शिकायत प्राप्त की या नहीं। जांच के आदेश दिए या नहीं। जांच अधिकारी कौन है, जांच के बिन्दु क्या हैं। इसकी कोई जानकारी नहीं दी।