भोपाल। RKDF MEDICAL COLLEGE BHOPAL को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पाया है। कॉलेज में 2018-19 और 2019-20 में एमबीबीएस में छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाने के भी आदेश दिए हैं और 5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कॉलेज ने झूठे दस्तावेज पेशकर कोर्ट के साथ धोखा किया है। न्यायमूर्ति एसए बोबड़े, एल नागेश्वर राव और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने यह फैसला सुनाया।
स्टूडेंट्स की फीस लौटाओ, 1 लाख रुपए मुआवजा भी दो
कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश माफीनामा खारिज करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कॉलेज के डीन एसएस कुशवाहा के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि कॉलेज प्रबंधन 2017-2018 में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र को एक लाख का मुआवज़ा दे और उनकी फीस भी लौटाए। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि कॉलेज प्रबंधन ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाकर यह बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
कॉलेज की रिपोर्ट और शपथ पत्र में भारी गड़बड़ी थी
कॉलेज ने छात्रों के प्रवेश के लिए तय मानकों का पालन भी नहीं किया और उसे सही दिखाने के लिए झूठे दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह लिखा है कि विशेषज्ञों की समिति जाँच के लिए नहीं बनाई गई होती तो कॉलेज के फ़र्जीवाड़े के बारे में सही जानकारी नहीं लग पाती। इस समिति में सीबीआई और एम्स के डायरेक्टर शामिल थे। एक्सपर्ट कमेटी ने कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश रिपोर्ट और शपथ पत्र की पड़ताल की तो इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली।
छात्रों ने बताया: मेडिकल कॉलेज में न डॉक्टर्स और न मरीज
सुप्रीम कोर्ट में छात्रों का पक्ष रखने वाले एडवाेकेट आदित्य सांघी ने बताया कि यह याचिका 2017-18 बैच के 63 छात्रों द्वारा लगाई गई थी। छात्रों ने ही कोर्ट को बताया था कि कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। न मरीज हैं न डॉक्टर्स । ऐसे हालातों में मेडिकल की पढ़ाई संभव नहीं है। इसके जवाब में कॉलेज प्रबंधन ने मरीजों और डॉक्टरों की झूठी जानकारी कोर्ट में पेश की।
कोर्ट ने इस जानकारी का परीक्षण कराया तो यह भी पता लगा कि आरकेडीएफ कॉलेज प्रबंधन एडमिशन के लिए तय मानकों का भी पालन नहीं कर रहा है। सांघी ने बताया कि 2017-18 बैच के छात्रों को कोर्ट के आदेश से छह अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने के आदेश पहले ही हो चुके हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब आरकेडीएफ कॉलेज प्रबंधन को एक लाख रुपए प्रति छात्र मुआवजा देने के अलावा उनकी फीस भी लौटानी होगी।