छतरपुर। ग्वालियर में तैनात SAF की 14वीं बटालियन के जवान रामेश्वर बघेल अपनी बहन के लिए इंसाफ मांग रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। दरअसल, उनकी बहन की दोहा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसे वह हत्या बता रहे हैं। उन्होंने पुलिस को इस संबंध में सबूत भी दिए हैं। शुक्रवार को जब उनकी बहन का शव छतरपुर पहुंचा तो अंतिम संस्कार को लेकर ससुराल और लड़की पक्ष भिड़ गए हैं। लड़की पक्ष वाले अंतिम संस्कार को रोकने के लिए धरने पर बैठ गए हैं।
भाई रामेश्वर बघेल ने बताया कि 27 दिसंबर को कतर एयरवेज में काम करने वाले उनके बहनोई रविंद्र ने दोहा से फोन कर सूचना दी कि उनकी बहन ममता की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई है। वहीं, रामेश्वर इसे दुर्घटना नहीं हत्या कह रहे हैं, उन्होंने सुबूत के तौर पर ऑडियो मैसेज दिया है। जो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पति ने ही उसकी मौत की जानकारी परिजनों को दी थी, लेकिन मौत के सात दिन के बाद भी अभी तक मृतक महिला ममता बघेल का शव उसके परिजनों को नहीं मिला तो परिजनों ने विदेश मंत्रालय दिल्ली से गुहार लगाई। शुक्रवार को मृतका का शव खजुराहो एयरपोर्ट से ससुराल छतरपुर (चेतगिरी कालोनी) पहुंच चुका है, जहां पर ससुराल और मायके पक्ष में शव के अंतिम संस्कार को लेकर एक घंटे बहस हुई।
एक तरफ लड़की के परिजन शव को अपने साथ ले जाना चाहते हैं। वहीं, ससुराल के लोग छतरपुर में ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, उन्होंने अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी भी कर ली है। इसके बाद भी मायके पक्ष के लोग सहमत नहीं हुए। पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों को समझाइश दी, लेकिन बात नहीं बनी और विवाद हो गया। लड़की के भाई और पिता के साथ ससुराल पक्ष के लोग धरने पर बैठ गए और अंतिम संस्कार नहीं होने दिया।
आखिरी बातचीत में भाई से कहा था मुझे बचा लो
रामेश्वर के अनुसार 25 दिसंबर को ममता ने रोते हुए उससे बात की और कहा, भईया मुझे बचा लो, ये मुझे मार रहे हैं, मैं आपसे बात करती हूं तो मेरा वीडियो भी बना रहे हैं। उसके दो दिन बाद 27 दिसंबर को रविंद्र ने दोहा से फोन किया कि ममता अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल से गिर गई है। ममता चार भाई बहनों में सबसे छोटी और लाड़ली थी। रामेश्वर के दोनों भाई भी पुलिस में ही हैं।
दोहा पहुंचने के बाद से ही प्रताड़ित कर रहा था पति
मृतका के भाई रामेश्वर का आरोप है कि ममता ने उन्हें बताया था कि दोहा पहुंचने के बाद रविंद्र 5 लाख नगद और एक 18 लाख की एक्सयूवी कार दहेज़ के नाम रहा था और अपने परिजनों के कहने पर ममता को परेशान करता था। बहन के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए और उसका अंतिम चेहरा देखने के लिए परेशान रामेश्वर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी से मिले थे।