सीधी। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में पदस्थ रहे चिकित्सक डॉक्टर शिवम मिश्रा आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है। यह मांग जिले के वकीलों ने की है। इस हेतु उन्होंने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा।
बुधवार की दोपहर अधिवक्ता उदय कमल मिश्रा के नेतृत्व में पहुंचे आधा सैकड़ा से ज्यादा अधिवक्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शिवम मिश्रा आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग किए है। इधर कलेक्टर अभिषेक सिंह ने एसडीएम गोपद बनास से जांच रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर ने 30 दिन के भीतर यह पता लगाने के लिए कहा है कि डॉ. शिवम मिश्रा ने आत्महत्या क्यों की थी। बता दें कि डॉक्टर शिवम के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया था। कहा जा रहा है कि विभागीय राजनीति के चलते यह झूठा मामला दर्ज कराया गया था और इसी तनाव में डॉ. शिवम ने आत्महत्या की।
क्या है अधिवक्ताओं की माग
अधिवक्ताओं ने डॉ शिवम मिश्रा आत्महत्या मामले कि जो शिकायत कलेक्टर से करके जांच कराने की मांग की गई है उसमें एस्ट्रो सिटी एक्ट के दुरुपयोग करने को प्रमुखता से बताया गया है। ज्ञापन में लिखा है कि डॉ शिवम मिश्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चुरहट में बीते 1 साल से सेवाएं दे रहे थे वे 27 जनवरी 2019 को फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने का कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ नर्स के द्वारा की गई फर्जी शिकायत के आधार पर चुरहट थाना में अपराध क्रमांक 2/ 19 के अपराध धारा 354 /323 भादवि के अलावा एसटी एससी एक्ट धारा 3 के भाग 2 के व्हीव्हीए का प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रताड़ित कर रहे थे। स्टाफ नर्स प्रताड़ना में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नेत्र सहायक के अलावा विभागीय कर्मचारी थाना प्रभारी के साथ साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है।
डॉक्टर शिवम मिश्रा एक संस्कारवान परिवार से तालुकात रखते हैं। उनके विरुद्ध दर्ज हुए प्रकरण के कारण अपमान सह नहीं सके और इस असहनीय कदम को उठा लिया है। इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस कारण संबंधीजनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के साथ-साथ सीबीआई जांच करा ली जाए जिससे कि डां शिवम मिश्रा को प्रताड़ित करने के मामले का खुलासा हो सके।अधिवक्ताओं के मॉग के अनुसार आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले उन लोगों का नार्कोटेस्ट कराया जाए जो शिवम मिश्रा मामले में संदिग्ध हैं।
वकीलों की मांग है कि जांच से पहले प्रकरण दर्ज कराने वाली नर्स, सहयोगी स्वास्थ्यकर्मी के साथ नगर निरीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निलंबित किया जाए ताकि जांच प्रभावित ना हो। अधिवक्ताओं ने मृतक डॉ मिश्रा, नगर निरीक्षक रामबाबू चौधरी के साथ साथ प्रकरण दर्ज कराने वाली स्टाफ नर्स के कॉल डिटेल की जांच कराने की भी मांग की है।
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे अधिवक्ताओं में अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता उदय कमल मिश्रा शेषमणि पटेल नंदलाल पांडे जिवेन्द द्विवेदी रविंद्र गौतम लवकुश मिश्रा राजेन्द्र गुप्ता राम शरण द्विवेदी भूपेंद्र नाथ दुबे केपी शर्मा सज्जन सिंह चौहान प्रवीण कुमार द्विवेदी विनयधर द्विवेदी शुखचंद्र पांडे महेन्द्र शुक्ला प्रवीण शुक्ला संजीव सिंह चौहान ओमप्रकाश तिवारी उधव लाल पांडे ध्रुव नारायण सिंह नागेन्द्र तिवारी अर्जुन सिंह सुदामा प्रसाद नामदेव प्रभाकर शुक्ला मोहनलाल वर्मा राकेश शुक्ला रामधारी गुप्ता प्रवीण सिंह चौहान उमा शंकर तिवारी रामसखा शुक्ला महीप शुक्ला राकेश चतुर्वेदी एस के गुप्ता महेश विश्वकर्मा रमाकांत द्विवेदी यूपी एस गहरबार अफताब अली दया कांत मिश्रा मोहम्मद युनूस सिद्धीकी रमेश तिवारी आदित्य शुक्ला के साथ साथ आधा सैकड़ा से ज्यादा अधिवक्ता कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग किया है।