मुंबई। तीन बैंकों को मर्जर के मामले में देना बैंक, विजया बैंक का स्वाप रेशियो बैंक ऑफ बड़ौदा (BANK OF BARODA) के हक में है। ऐनालिस्टों का कहना है कि शायद ऐसेट क्वॉलिटी डायल्यूशन की वजह से ऐसा किया गया है। वे निवेशकों (INVESTORS) को बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर (SHARE) खरीदने की सलाह दे रहे हैं। (NSE: BANKBARODA)
शेयरखान में AVP रिसर्च ललिताभ श्रीवास्तव ने बताया, 'मर्जर के बाद शुरुआती दौर में बैंक ऑफ बड़ौदा की एसेट क्वॉलिटी पर दबाव बन सकता है क्योंकि देना बैंक का एनपीए ऊंचा है। मर्जर के चलते टेक्नॉलजी पर खर्च बढ़ेगा और एनपीए के लिए अलग से प्रविजनिंग भी करनी पड़ सकती है। इससे मर्जर के बाद बनने वाले बैंक के प्रॉफिटेबिलिटी में कमी आ सकती है।' उन्होंने यह भी बताया, 'हमें लगता है कि स्वाप रेशियो में जो भारी डिस्काउंट दिया गया है, वह अच्छे बैंकों के लिए डील को बेहतर बनाने की खातिर है। देना बैंक का एनपीए अधिक है। मर्जर का असर एसेट क्वॉलिटी पर न पड़े, इसलिए ऐसा किया गया है।'
ऐनालिस्टों का कहना है कि देना बैंक, विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में मिलाने से शॉर्ट टर्म में कई चुनौतियां सामने आएंगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए फायदेमंद होगा। मोतीलाल ओसवाल सिक्यॉरिटीज में रिसर्च हेड गौतम दुग्गड़ ने कहा, 'यह बड़ा मर्जर है। इसलिए शॉर्ट टर्म में कई दिक्कतें हो सकती हैं। हालांकि, एनपीए साइकिल में रिकवरी, लोन ग्रोथ और सरकार की तरफ से पर्याप्त फंडिंग मिलने से तीनों बैंकों का विलय आसान होगा और इसके बाद कामकाज को जल्द सामान्य बनाने में मदद मिलेगी।'
उन्होंने कहा कि फेवरेबल स्वाप रेशियो से बैंक ऑफ बड़ौदा की बुक वैल्यू में 8.2 पर्सेंट और उसकी एडजस्टेड बुक वैल्यू में 2.2 पर्सेंट की बढ़ोतरी होगी। बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर गुरुवार को बगैर उतार-चढ़ाव के 119.40 रुपये पर बंद हुए, जबकि देना बैंक और विजया बैंक के शेयर में क्रमश: 20 पर्सेंट और 7.25 पर्सेंट की गिरावट आई और ये 14.40 रुपये और 47.35 रुपये पर रहे।
मर्जर के बाद कुल शेयरों की संख्या 342.5 करोड़ होगी और कंबाइंड एंटिटी की नेटवर्थ 55,600 करोड़ रुपये। मर्जर के बाद बनने वाले बैंक की एडजस्टेड बुक वैल्यू 80 रुपये प्रति शेयर होगी। एनालिस्टों ने बताया कि कंबाइंड एंटिटी की वैल्यू अभी बुक वैल्यू के 1.5 गुना लगाई जा रही है। एलारा कैपिटल के ऐनालिस्ट राकेश कुमार ने बताया, 'मर्जर के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक वजूद में आएगा, जिसके पास 15.4 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होगा। उसकी लोन बुक साइज 6.6 लाख करोड़ रुपये होगी और ब्रांचों की संख्या 9,511 रहेगी।'
उन्होंने कहा कि सितंबर 2018 तक इसका एनपीए और प्रविजन कवर क्रमश: 4.93 पर्सेंट और 58.4 पर्सेंट था। वैसे मर्जर के ऐलान के बाद से बैंक ऑफ बड़ौदा ने बैंक निफ्टी और दूसरे सरकारी बैंकों को अंडरपरफॉर्म किया है। ऐनालिस्टों का कहना है कि इसमें अभी वाजिब वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग हो रही है।