इंदौर। जिस शिक्षक काे दो साल पहले छात्राओं से द्विअर्थी बातें करने के आरोप में जिले से बाहर ट्रांसफर कर दिया था, उसी के वापस इंदौर में ट्रांसफर के लिए शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने जिला पंचायत CEO NEHA MINA को सिफारिशी चिट्ठी लिखी है।
मजेदार बात यह है कि यह सिफारिशी चिट्ठी उनके अपने वाट्सएप स्टेटस पर अपलोड हो गई। मंगलवार दोपहर 3.20 बजे जब उनके स्टेटस पर यह पत्र दिखा तो कई लोगों के फोन उनके पास पहुंचे। तब उन्होंने एक घंटे बाद स्टेटस हटा लिया। पत्र में लिखा है- मेरे करीबी भरत भार्गव सहायक अध्यापक का ट्रांसफर सेजगढ़ (मानपुर) से बिचौली हप्सी करने का कष्ट करें। पत्र पर 12 जनवरी की तारीख है।
क्या है मामला
दिसम्बर 2017 में शासकीय प्राइमरी स्कूल दूधिया गांव के सहायक अध्यापक भरत भार्गव, पंकज सिंहल और हिमांशु बुले के खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई थी। भार्गव को धार, सिंहल को खरगोन और बुले को अन्य जिले में भेजा गया था। बुले और सिंहल पर FIR के भी आदेश हुए थे। तीनों ही अध्यापक दो साल से विवादों में थे। इन पर स्कूल में देरी से पहुंचने, स्टाफ से अभद्रता, बच्चों से आपत्तिजनक बातें करने, छात्राओं से कथित गंदे संवाद करने, गाली-गलौज जैसे गंभीर आरोप हैं। भार्गव अध्यापक संगठन का नेता है। तीनों शिक्षकों के खिलाफ जिला स्तर पर तत्कालीन SDM Varadmuthu Mishra ने जांच करवाई थी। रिपोर्ट में सजा के तौर जिले के ग्रामीण अंचलों में इनका तबादला किया गया था। इसके बाद भी इनकी हरकतें बंद नहीं हुईं। जिला प्रशासन से जांच राज्य सरकार के पास पहुंच गई थी।
Health Department में पहली बार जिला बदर की सजा
जानकारों का कहना है सजा के तौर पर पहली बार शिक्षकों का जिला बदल देने की कार्रवाई हुई है। आरोपों की गंभीरता के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई। पुलिस जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद आपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है।