भोपाल। जबलपुर नगर निगम में स्वच्छता अभियान के दौरान टॉयलेट खरीदी में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। विधानसभा के भीतर नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार हुआ है। आरोप है कि यहां नगर निगम ने घटिया किस्म के यूज्ड यानी सेकेंड हेंड टॉयलेट जो बाजार में 10 हजार रुपए में मिल जाते हैं, 3 लाख रुपए तक खरीदे।
मामला बेहद गंभीर है, इसलिए जबलपुर नगर निगम को मामले की पूरी जांच करने के लिए कहा जाएगा। जबलपुर उत्तर के विधायक विनय सक्सेना ने ध्यानाकर्षण में मामला उठाया था कि जबलपुर में स्वच्छता अभियान के तहत बने शौचालयों में भारी अनियमितता हुई है। इसका जवाब देते हुए नगरीय विकास मंत्री ने अनियमितता स्वीकार की है।
सिंहस्थ के टॉयलेट महंगे दामों पर खरीदे
विनय सक्सेना ने आरोप लगाया कि सिंहस्थ में उपयोग हुए घटिया शौचालय को जबलपुर नगर निगम ने महंगे दामों पर खरीदा है। इस पर मंत्री ने कहा कि सिहंस्थ में उपयोग किए गए घटिया गुणवत्ता के टॉयलेट जबलपुर ने खरीदे हैं तो इसकी भी जांच की जाएगी।
70 हजार झुग्गी और 41 हजार सिंगल टॉयलेट लगे
मंत्री ने कहा कि जबलपुर में लगभग 70 हजार परिवार झुग्गी में रहते हैं, लेकिन सिर्फ 41 हजार सिंगल टॉयलेट लगाए गए हैं। इसमें भी काफी अंतर है और इसकी भी जांच की जाएगी कि कौन सी झुग्गियों में सही निर्माण नहीं हुआ है।
कमिश्नर रहे वेदप्रकाश शर्मा के कार्यकाल की जांच हो
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद छिंदवाड़ा कलेक्टर पद से हटाए गए वेदप्रकाश शर्मा के जबलपुर नगर निगम कमिश्नर के कार्यकाल की जांच करवाने की मांग भी विधायक ने की है। हालांकि इस पर मंत्री ने जांच का आश्वासन नहीं दिया।
टॉयलेट जो लाखों में खरीदे गए
प्री-कॉस्ट बायोटॉयलेट : 1 लाख 4 हजार रुपए प्रति नग
प्री-फेब बायोटॉयलेट : 2 लाख 98 हजार रुपए प्रति नग
प्री-फेब टॉयलेट : 2 लाख 85 हजार रुपए प्रति नग
प्री-फेब टॉयलेट : 2 लाख 94 हजार रुपए प्रति नग